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कांग्रेस के चिंतन शिविर में भी हल नहीं हो सका नेतृत्व के मुद्दे का समाधान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में कांग्रेस के मित्र दल शिवसेना ने कांग्रेस पार्टी के उदयपुर चिंतन शिविर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि चिंतन शिविर में भी कांग्रेस में नेतृत्व की समस्या का समाधान नहीं निकल सका। पार्टी की स्थिति दयनीय होती जा रही है। सहयोगी दल की इस टिप्पणी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने नाराजगी जताई है। शनिवार को शिवसेना के मुखपत्र में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि हाल में हुए चिंतन शिविर में कांग्रेस ने अपने नेतृत्व के मुद्दे का समाधान नहीं किया और पार्टी की वर्तमान स्थिति दयनीय है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। पार्टी ने कहा है कि एक तरफ भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस की स्थिति बेहद चिंताजनक है। संपादकीय में कहा गया है कि उदयपुर में पार्टी के सम्मेलन में राहुल गांधी ने बहुत से मुद्दों का समाधान नहीं किया। इसलिए विभिन्न राज्यों के कई नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। कांग्रेस की बिहार और उत्तर प्रदेश इकाई में प्रदेश अध्यक्ष तक नहीं हैं। शिवसेना ने कहा कि सुनील जाखड़, हार्दिक पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद द्वारा कांग्रेस छोड़ने का निर्णय पार्टी नेतृत्व की विफलता को दिखाता है। मुखपत्र में कहा गया है कि कांग्रेस को उन राज्यों में अपने जनाधार वाले नेताओं के साथ खड़े रहना चाहिए, जहां चुनाव होने वाले हैं।
बलिदान की पृष्ठिभूमि वाले कांग्रेस के बारे में क्या कहेंगेः नाना पटोले
शिवसेना की आलोचना को लेकर नाराजगी जताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा बलिदान की पृष्ठभूमि नहीं रखने वाले कांग्रेस के बारे में क्या कहेंगे? कांग्रेस एक विचार है। कई लोग आए और गए। कौन कांग्रेस छोड़ रहा है और कौन शामिल हो रहा है, इस पर विचार करने की बजाय लोगों को देश के ज्वलंत मुद्दों के बारे में सोचना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि आज हम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि मना रहे हैं। राजीव गांधी ने देश के लिए बलिदान दिया और आज के दिन ही कुछ लोग हम पर टिप्पणी कर रहे हैं। पटोले ने कहा कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए हम महाविकास आघाड़ी में शामिल हुए। स्थानीय निकाय संस्थासओं में हमने देखा है कि कई लोग भाजपा की मदद करने की साजिश कर रहे हैं। विकास निधि के बारे में समानता रखने की आवश्यकता है। इस बारे में भी कांग्रेस के साथ अन्याय किया जा रहा है। निधि के समान वितरण के लिए मुख्येमंत्री और उपमुख्य मंत्री को ध्यागन रखना चाहिए।
Created On :   22 May 2022 2:01 PM IST