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पड़ताल में जुटाए कुछ सबूत, जानिए - पंकज मेहाड़िया एंड कंपनी की 500 करोड़ से अधिक के घोटाले की रकम आखिर कहां गई
- अधिकांश रकम का लेखा-जोखा नहीं होने के कारण लेने और देने वालों ने भी चुप्पी साधी
- इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों की रकम जमा की
- कुछ हवाला से दुबई भेजी
- तो कुछ अन्य कंपनियों में और खाते खाली कर दिवालिया घोषित कर दिया
- पंकज मेहाड़िया एंड कंपनी की 500 करोड़ से अधिक के घोटाले की रकम आखिर कहां गई?
डिजिटल डेस्क, नागपुर, सुनील हजारी। पंकज मेहाड़िया एंड कंपनी के खातों में 875 करोड़ से अधिक की एंट्रियां हैं। कुछ एंट्री 10 से 50 करोड़ तक की हैं। आखिर इतना पैसा जो लोगों से जमा किया वह आखिर कहां गया? इस पर बात पर दैनिक भास्कर ने कई दिनों तक पड़ताल कर जानकारी जुटाई। सूत्रों के अनुसार इस घोटाले की एक बड़ी रकम हवाले के जरिए दुबई भेजी गई है। वहीं दीवालिया घोषित करने के कुछ महीनों पहले कंपनी की संपत्ति और रकम दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर दी। और जब खाते खाली हो गए तो प्लानिंग के तहत खुद को दिवालिया घोषित कर दिया।
क्या है मामला
पंकज मेहाड़िया, लोकेश जैन, कार्तिक जैन, बालमुकुंद केयाल और प्रेमलता मेहाड़िया ने पांच कंपनियां मेहाड़िया सेल्स ट्रेड कारपोरेशन, मेहाड़िया सेल्स ट्रेड कॉरर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड, नंदलाल डी मेहाड़िया, लोकेश मेटेलिक्स, सद्गुरु इंटरप्राइजेज, नंद सन लॉजिस्टिक लिमिटेड बनाई। इसमें स्टील बेचने और निवेश के नाम पर 875 करोड़ से अधिक का लेन-देन किया और अचानक से एक दिन दिवालिया घोषित कर रकम हड़प ली। इसमें कुछ काली कमाई तो कुछ बेनामी होने से लोगों ने भी इतने बड़ी रकम जाने के बाद भी चुप्पी साध ली।
तीन बिुदओं पर समझिए आखिर रकम कहां गई?
1 कैश लेन-देन कर लोन की एंट्रियां की
खातों में दर्ज एंट्रियों की भास्कर ने पड़ताल की इसमें दर्ज कई नामों को खोजकर तह तक पहुंचे। इसमें एक बात साफ निकलकर आई कि लोहे की कीमत बार-बार ऊपर जा रही थी, ऐसे में लोगों से कैश लेकर उन्हें 24 प्रतिशत रिटर्न करने का वादा कर रकम जुटाई गई। जिसमें अधिकांश नेता, अधिकारी, व्यापारियों सीए और सोने के कारोबार से जुड़े कई नामी लोग। ने अपनी काली कमाई खपाई। जिनका लोहे के व्यापार से कोई लेना-देना ही नहीं था। इसमें पंकज मेहाड़िया एक तरफ कैश लेकर बदले में सामने वाले को कंपनी में लोन दिखाकर चेक दे देता। जिससे उसके खाते वही रकम एक नंबर में आ जाती। और खातों में हिसाब-किताब चलता रहता। ऐसे कई नामों पर करोड़ों की एंट्रियां हैं। जिनके सामने लोन देना-लेना बताया गया है। हालांकि इसमें सस्ता माल डिलेवर करने और निवेश के बदले ली गई रकम जरूर अटक गई जो करीब 500 करोड़ से अधिक की है।
2. अपने कर्मचारी को पहले दुबई शिफ्ट किया फिर हवाला से वहां रकम भेज दी
हमारी पड़ताल में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पंकज मेहाड़िया के यहां अनीश चंद्रकांत मेहता सीए के रूप में काम करता था। दोनों दोस्त हैं, दोनों नें एक साथ सीए की पढ़ाई करना शुरू की थी। पंकज ने बीच में ही कोर्स अधुरा छोड़ दिया जबकि अनीश ने कोर्स पूरा किया। पांचों कंपनियों का हिसाब-किताब अनीश ही देखा करता था। अनीश पंकज की एक कंपनी नंद सन लॉजिस्टिक लिमिटेड में डायरेक्टर भी था। कंपनियों के ट्रांजेक्शन बढ़ाने में माहिर माना जाता है। जिसके जरिए काले धन को सफेद करने में मदद मिलती थी और इसी की मदद से 280 करोड़ से अधिक का बैंकों से लोन लेकर भी हड़पा गया। घोटाले के कुछ समय पहले से अचानक अनीश दुबई चला गया और वहीं काम करने की बात लोगों को बताई। सूत्रों के अनुसार पूरे घोटाले की एक बड़ी रकम हवाले के जरिए दुबई ट्रांसफर की गई। पंकज मेहाड़िया के करीबियों के अनुसार पंकज के दुबई शिफ्ट होने की योजना है।
3. दीवालिया होने के तीन माह पहले ट्रांसफर कर दी कंपनी
पंकज मेहाड़िया के घोटाले से संबंधित जो एक कंपनी नंद सन लॉजिस्टिक लिमिटेड हैं। इसे 2012 को बनाया गया था। इसमें पंकज मेहाड़िया, अनीश मेहता और मुकुल पवन अग्रवाल डायरेक्टर थे। पंकज ने 5 जुलाई 2017 को अपने आपको दिवालिया घोषित कर एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिव्यूनल) चले गए। इसके ठीक दो माह पहले कंपनी में नए डायरेक्टर के रूप में सौरभ संजय अग्रवाल और दिव्यम संजय अग्रवाल 29 अप्रैल 2017 को अचानक आ गए और यह कंपनी उनकी हो गई। 1 मार्च 2019 को खुद संजय अग्रवाल भी इसके डायरेक्टर के रूप में आ गए और उक्त कंपनी अब तीनों डायरेक्टर के नाम है। संजय अग्रवाल व उनके दोनों बेटे और उनसे जुड़ी कई कंपनियों की पंकज मेहाड़िया की कंपनियों में करीब 100 करोड़ की एंट्रियां हैं। इस मामले में हमने कई बार उनका पक्ष जानने का प्रयास किया मगर वे इस पर कुछ भी बोलने को तेयार नहीं हैँ।
Created On :   9 May 2022 4:22 PM IST