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पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने रखा सोमवती आमवस्या का व्रत
डिजिटल डेस्क, पन्ना। ज्येष्ठ मास में पडऩे वाले व्रतों में वट अमावस्या को बेहद उत्तम व प्रभावी व्रतों में से एक माना गया है। इस व्रत को करके सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख.समृद्धि की कामना करती हैं। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर वट वृक्ष के पास जाकर विधिवत पूजा करती हैं। इसके साथ ही वट वृक्ष की परिक्रमा करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से पति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि के साथ लंबी आयु की प्राप्ति होती है। मंदिरों की पवित्र नगरी पन्ना में सोमवती आमवस्या एवं वट सावित्री व्रत जिसे बुंदेली भाषा में बराबरसात के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पत्नियां अपने पतियों की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर पूजन-अर्चना करती है। सोमवार के दिन सुबह से ही महिलाओं द्वारा स्नान आदि करके अपने घर व मोहल्लों के पास लगे बरगद के वृक्ष के नीचे जाकर वट सावित्री का पूजन किया गया साथ ही सोमवती आमवस्या पर विभिन्न खाद्य पदार्थों की वस्तुओं की परिक्रमा लगाकर पूजा की। आज का दिन इसीलिए भी महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि सोमवती आमवस्या व वट सावित्री व्रत दोनों एक साथ पडे। सुबह से ही बुंदेलखण्ड के प्रसिद्ध श्री जुगल किशोर जी मंदिर सुबह से ही महिलाओं के पहुंचने का तांता लग गया। यहां मंदिर परिसर में पीछे की ओर कुयें के पास लगे बरगद एवं कदम के पेड में पूजा हेतु महिलाओं की काफी भीड देखी गई। यहां महिलाओं द्वारा विधि-विधान के साथ पूजा करते हुए परिक्रमा लगाई गई। इसी प्रकार धर्म सागर घाट स्थित बरगद के पेड, झोर के चौपडा में स्थित बरगद वृक्ष, राजबाई के चौपडा मंदिर स्थित वट वृक्ष सहित शहर के जिन-जिन स्थानों पर वट वृक्ष लगे हुए हैं वहां पर महिलाओ का तांता देखने को मिला। सुबह से महिलाओं ने जब तक वट वृक्ष का पूजन व परिक्रमा नहीं की तब उन्होंने अन्न-जल ग्रहण नहीं किया। श्री जुगल किशोर जी मंदिर में सुबह से लगाकर रात्रि में पट बंद होने तक शहर के लोगो के अलावा अन्य जिलों व ग्रामीण क्षेत्र के लोग लगातार पहुंचते रहे।
वट सावित्री व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था। दूसरी कथा के अनुसार मार्कण्डेय ऋषि को भगवान शिव के वरदान से वट वृक्ष के पत्ते में पैर का अंगूठा चूसते हुए बाल मुकुंद के दर्शन हुए थे तभी से वट वृक्ष की पूजा की जाती है। वट वृक्ष की पूजा से घर में सुख-शांति, धनलक्ष्मी का भी वास होता है।
Created On :   31 May 2022 3:39 PM IST