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एसटी कंडक्टरों की शामत, बिना टिकट यात्री मिला तो नहीं होगी वेतनवृद्धि
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार के नये जीआर ने एसटी बस कंडक्टरों को परेशानी में डाल दिया है। अब यदि टिकट चेकिंग में एक भी यात्री बिना टिकट पाया गया, तो उस बस कंडक्टर की अगले पांच साल के लिए वेतनवृद्धि रोक दी जाएगी। इसे लेकर कर्मचारियों में रोष है। इस जीआर को रद्द करने के लिए कर्मचारी हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। कुछ कंडक्टरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि, एसटी बसों में यात्री बैठने की क्षमता 45 से 55 होती है। कई बार बस ओवरलोड़ भी हो जाती है। यात्रियों की संख्या 80 से 90 तक पहुंच जाती है। कंडक्टर को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। बावजूद कोई यात्री छूट जाना और यात्री द्वारा पैसे बचाने के लिए जानबूझकर ऐसा करना संभव है। इसके लिए हर बार कंडक्टर को अपराधी साबित करने का कठोर नियम बनाना कतई सही नहीं है।
राजस्व पर पड़ सकता है असर
उपरोक्त नियम का असर सीधे यात्री सुविधा पर पड़ सकता है। दरअसल, वर्तमान में इस तरह का सख्त नियम नहीं रहने से कंडक्टर 80 यात्रियों को तक बस में बैठने देते थे, जिससे प्रशासन का राजस्व बढ़ रहा था, लेकिन अब जुर्माने से बचने के लिए अधिकांश कंडक्टर कम यात्रियों को ही बस में जगह देंगे।
ये तो हद हो गई
कंडक्टरों ने बताया कि, इससे पहले नॉन मनी को लेकर 50 रुपए पर कंडक्टर से 100 रुपए जुर्माना लिया जाता था। फिर इसमें बदलाव कर एक रुपये पर 50 रुपए जुर्माना वसूला जा रहा है, लेकिन अब तो हद हो गई है। कंडक्टरों के लिए भारी मुश्किल पैदा कर दी गई है। नये साल के एक दिन पहले जारी हुए इस जीआर में सीधे 5 साल तक वेतनवृद्धि रोकने का निर्देश दे दिया गया है। नागपुर विभाग अंतर्गत 8 डिपो हैं। गणेशपेठ, वर्धमान नगर से लेकर काटोल, सावनेर आदि इसमें शामिल है। इन डिपो में करीब 1500 कंडक्टर कार्यरत हैं। इस नये जीआर के कारण सभी में निराशा है।
Created On :   3 Jan 2020 12:11 PM IST