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आंदोलन से एसटी ने गंवाए 50 करोड़, कमाए 6 करोड़
डिजिटल डेस्क, नागपुर. एसटी को राज्य सरकार में विलय करने की मांग को लेकर 8 नवंबर को राज्यभर में एसटी कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन काम बंद आंदोलन की घोषणा की गई थी। यात्री परिवहन व्यवस्था पर इसके गंभीर परिणाम हुए तथा कई इलाकों का संपर्क टूट सा गया। एक ओर यात्री परेशान रहे तो दूसरी ओर नागपुर विभाग अंतर्गत एसटी को भी करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा। एसटी प्रशासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक तकरीबन 5 माह में एसटी ने 50 करोड़ की आय गंवा दी, जबकि पिछले दो माह में सीमित संख्या में सड़क पर दौड़ी एसटी से एसटी प्रशासन को मात्र 6 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। एसटी प्रशासन के मुताबिक आंदोलन की वजह से एसटी को रोजाना 40 लाख रुपए की आय से वंचित रहना पड़ा। इस तरह एसटी ने कुल 50 करोड़ रुपए की आय गंवा दी।
2 बसों से हुई शुरुआत : वेतनवृद्धि का प्रलोभन, अधिकारियों की समझाइश, निलंबन, तबादले और बर्खास्तगी की कार्रवाई के बावजूद राज्य शासन एसटी के अांदोलनकारियों को तकरीबन 5 माह तक काम पर लौटाने के लिए मनाने का प्रयास करता रहा। आंदोलनकारियों द्वारा आंदोलन जारी रखने की वजह से पूरे राज्य में आंतरिक यात्री परिवहन व्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ाई, जिसका फायदा निजी वाहन चालकों ने जमकर उठाया। निजी परिवहन सेवा के जरिए लूट-खसोट शुरू कर दी गई है। इस प्रकार हो रही लूट-खसोट से यात्रियों को बचाने के लिए नागपुर विभाग अंतर्गत एसटी प्रशासन द्वारा 6 दिसंबर से बस सेवा शुरू की गई। शुरुआत 2 बसों से हुई और अब रोजाना 390 से अधिक बसों के जरिए लगभग 50 हजार यात्रियों को गंतव्य पर पहुंचाया जा रहा है। एसटी बस सेवा को पूर्ववत करने से फिलहाल एसटी को रोजाना 35 लाख रुपए की आय होने लगी है।
आंदोलन की वजह से एसटी महामंडल को नागपुर विभाग अंतर्गत रोजाना 40 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। बसों का परिचालन सीमित होने की वजह से आंदोलन के दौरान एसटी को कुल 50 करोड़ की आय से वंचित रहना पड़ा। सीमित बसों के परिचालन से पिछले दो माह में एसटी को 6 करोड़ की आय हुई है।
-नीलेश बेलसरे, जनसंपर्क अधिकारी, एसटी विभाग, नागपुर
7 कर्मचारी अब भी नहीं लौटे : एसटी नागपुर विभाग अंतर्गत कर्मचारियों की कुल संख्या 2517 है, जिनमें 481 कर्मचारी प्रशासनिक विभाग में, 578 कर्मचारी वर्कशॉप में, 802 बस चालक व 656 बस वाहक कार्यरत हैं। 2517 कर्मचारियों में से 662 कर्मचारियों ने आंदोलन नहीं किया था, जबकि 1855 कर्मचारी आंदोलन में सहभागी रहे। आंदोलन के कुछ माह बाद इनमें से 551 आंदोलनकारियों के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर दंडात्मक कार्रवाई की गई। 429 को निलंबित किया गया, 106 (90+16) को बर्खास्त किया गया व 32 के तबादले किए गए। वर्तमान में 2517 में से 2510 कर्मचारियों ने पूर्ववत काम शुरू कर दिया है, जबकि 7 कर्मचारियों के अब तक काम पर नहीं लौटने की जानकारी मिली है।
Created On :   25 April 2022 5:52 PM IST