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शक्कर-धागा मिल के समान सहकार क्षेत्र में हो शामिल
डिजिटल डेस्क, नागपुर. कृषि क्षेत्र में विकास के लिए पर्यायी खेती करने का आह्वान करते हुए किसान नेता पाशा पटेल ने कहा है कि बांस उत्पादन लाभ की खेती साबित होगी।बांस से ईंधन ही नहीं, अन्य कई उत्पादन तैयार किए जा सकते हैं। लिहाजा देश भर में बांस रिफाइनरी शुरू करने की आवश्यकता है। विदर्भ क्षेत्र में बांस उत्पादन की बड़ी संभावना है। शक्कर, धागा मिल के समान बांस उत्पादन को सहकार क्षेत्र में शामिल करने की आवश्यकता है। इस संबंध में केंद्रीय सहकार मंत्री अमित शाह से चर्चा की गई है। शनिवार को पत्रकार वार्ता में पटेल बोल रहे थे। वे राज्य कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल व ऊर्जा प्रकल्पों से निकलने वाला प्रदूषण मानव जीवन के लिए संकट खड़ा कर रहा है। प्रदूषण हर क्षेत्र में बढ़ रहा है।
बांस से तैयार होने वाला इथेनॉल पर्याय साबित होगा
ईंधन के भाव बढ़ने से देश की आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में बांस उत्पादन कई मायनों में लाभदायक है। जल्द ही फ्लेक्स इंजन वाहन आने वाले हैं। उसके लिए गन्ने का इथेनॉल पर्याप्त नहीं होगा। बांस से तैयार होने वाला इथेनॉल पर्याय हो सकता है। देश में पहला इथेनॉल उत्पादक रिफाइनरी अगस्त में आसाम में शुरू होगा। देश भर में 300 बांस रिफाइनरी की आवश्यकता है। इन रिफाइनरी के शुरू होने पर वाहनों के ईंधन खर्च में कमी होगी। बांस देश के हर क्षेत्र में खरीदे जाते हैं। उससे 1800 प्रकार की विविध वस्तुएं तैयार होती हैं। एक टन गन्ना उत्पादन के लिए 2 करोड़ लीटर पानी लगता है, उससे 80 लीटर इथेनॉल तैयार होता है। लेकिन एक टन बांस के लिए 20 लाख लीटर पानी लगता है, उससे 400 लीटर इथेनॉल तैयार होता है। एक एकड़ में 50 टन बांस का उत्पादन होता है। पत्रकार वार्ता में अशोक धोटे, चंदन गोस्वामी उपस्थित थे।
Created On :   27 March 2022 6:07 PM IST