स्टेट बोर्ड नहीं- सीबीएसई स्कूल शुरू करेगी मनपा, ऐसे चल रहा शिक्षा विभाग का खेल

State Board not - CBSE school will start by Corporation
स्टेट बोर्ड नहीं- सीबीएसई स्कूल शुरू करेगी मनपा, ऐसे चल रहा शिक्षा विभाग का खेल
स्टेट बोर्ड नहीं- सीबीएसई स्कूल शुरू करेगी मनपा, ऐसे चल रहा शिक्षा विभाग का खेल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले महीने शहर के सभी छह विधानसभा में एक-एक अंगरेजी पाठ्यक्रम की स्कूल शुरू करने का निर्णय मनपा सभा में लिया। सभा की मंजूरी के बाद मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने उक्त प्रस्ताव को रोक दिया। बताया गया कि पुराने प्रस्ताव में स्टेट बोर्ड अनुसार अंगरेजी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना थी। लेकिन अब सीबीएसई पाठ्यक्रम अनुसार इन स्कूलों को शुरू करने का प्रस्ताव है। विशेष यह कि सत्तापक्ष को इसकी भनक तक नहीं है। मनपा शिक्षण सभापति प्रा. दिलीप दिवे ने जब आयुक्त तुकाराम मुंढे के सामने अंगरेजी स्कूलों का प्रस्ताव रोकने का आरोप लगाया तो आयुक्त ने खुलासा किया कि उसे रोका नहीं गया, बल्कि इन स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया। आयुक्त का यह जवाब सुन सत्तापक्ष भी हैरान रह गया। सत्तापक्ष नेता और शिक्षण सभापति भी इससे बेखबर थे। इसके बाद सत्तापक्ष ने आयुक्त पर विश्वास नहीं लेने का आरोप लगाया। सीबीएसई और अन्य केंद्रीय पाठ्यक्रमों के कारण बंद हो रहे मनपा स्कूलों को बचाने के लिए मनपा ने बड़ा निर्णय लिया था। प्रत्येक विधानसभा में एक-एक अंग्रेजी स्कूल खोलने का निर्णय लिया था यानी शहर में 6 अंग्रेजी के स्कूल खुलेंगे। इस बाबत मनपा की आमसभा में प्रस्ताव मंजूर किया गया था। इसके लिए 2.66 करोड़ रुपए की निधि को मंजूरी प्रदान की गई थी। इसी तर्ज पर मनपा के मराठी व हिंदी स्कूलों को भी संवारा जाएगा। फिलहाल शहर में जी.एम. बनातवाला मनपा का एकमात्र अंग्रेजी स्कूल है। इस स्कूल में हर साल विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है। इसके विपरीत, मराठी व हिंदी माध्यम की स्कूलों में बच्चे घट रहे हैं। विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों को घर-घर जाना पड़ रहा है। इस दौरान पालक अंग्रेजी स्कूल का आग्रह कर रहे हैं। पालकों का अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों पर जोर है। पालकों का रूझान देखते हुए मनपा ने भी अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों को शुरू करने पर जोर दिया है। नर्सरी से शुरू करने की तैयारी है। हालांकि, निजी संस्था की मदद से महानगरपालिका की अंग्रेजी माध्यम से स्कूलों को शुरू किया जाएगा।

शिक्षा विभाग का खेल


मनपा के शिक्षा विभाग ने हाल ही में 315 शिक्षकों को अतरिक्त ठहराया है। शिक्षण उपसंचालक के पास अतिरिक्त शिक्षकों की सूची भेज दी गई है। मनपा के अतिरिक्त शिक्षकों की उपसंचालक कार्यालय के माध्यम से जिला परिषद में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। मनपा शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध किया है। मनपा में शिक्षकों के अनेक पद रिक्त रहते हुए अन्य जगह नियुक्ति का मनपा शिक्षक संगठनों ने विरोध किया है। प्रशासकीय स्तर पर चल रही प्रक्रिया से अतिरिक्त ठहराए गए शिक्षकों में नियुक्ति को लेकर बेचैनी है। जिला परिषद के 1536 स्कूल हैं। प्राथमिक विभाग में 100-150 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। रिक्त पदों पर नियुक्ति के अधिकार जिला शिक्षणाधिकारी के पास है। रिक्त पदों पर मनपा के अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन करने के संकेत मिल रहे हैं। निजी स्कूलों के 150 शिक्षक अतिरिक्त है। उनके समायोजन की प्रक्रिया लंबे समय से खटाई में पड़ी है। अब मनपा के अतिरिक्त शिक्षकों के समायोजन का उपसंचालक पर बोझ बढ़ गया है। समायोजन में मनपा शिक्षकों को प्राथमिकता दिए जाने पर निजी संस्थाओं के अतिरिक्त शिक्षकों पर अधर में लटके रहने की नौबत आ गई है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि मनपा में माध्यमिक विभाग में 11 मुख्याध्यापक, प्राथमिक विभाग में 10 मुख्याध्यापक, क्रीड़ा विभाग में 2 पद नियुक्त है। समग्र शिक्षा अभियान में कार्यरत 14 कर्मचारियों को अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। इसके अलावा मनपा की 70 बालवाड़ी हैं। वर्ष 2015 में मनपा स्कूलों की घटती विद्यार्थी संख्या रोकने के लिए बालवाड़ियां खोली गईं। बालवाड़ी पर कार्यरत शिक्षकों के वेतन पर मनपा की तिजोरी से खर्च किया जाता है। इन पदों पर नियुक्ति के संपूर्ण अधिकार मनपा को है। जिला शिक्षणाधिकारी से पद मंजूरी के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। मनपा के 136 शिक्षकों का सेवानिवृत्ति कालावधि 4-5 महीने बचा है। मनपा 6 अंग्रेजी स्कूल खोलने जा रही है। इन स्कूलों पर अलग से नियुक्ति की आवश्यकता नहीं है। कुल मिलाकर मनपा में शिक्षकों के पद रिक्त रहते हुए जिला परिषद में समायोजन करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
 

Created On :   20 Feb 2020 4:49 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story