अनाथ बच्चों की आरक्षण नीति में संशोधन, कामकाजी महिलाओं का हॉस्टल किराया देगी सरकार

State cabinet decisions :  Amendment in reservation policy of orphan children
अनाथ बच्चों की आरक्षण नीति में संशोधन, कामकाजी महिलाओं का हॉस्टल किराया देगी सरकार
मंत्रिमंडल के फैसले  अनाथ बच्चों की आरक्षण नीति में संशोधन, कामकाजी महिलाओं का हॉस्टल किराया देगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमरावती जिले के राजुरा बृहद लघु सिंचाई योजना के चांदुर तहसिल स्थित राजुरा सिंचाई बांध में पानी लाने और सिंचाई परियोजना के लिए 193 करोड़ 81 लाख के खर्च को मंजूरी दी गई है। बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके लिए संशोधन प्रशासकिय मान्यता दी गई है। इस परियोजना से अमरावती जिले के 6 गावों की कुल 1 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। यह परियोजना राजुरा गांव के समीप राजुरा नाले पर प्रस्तावित है। इसमें बेलोरा गांव के पास काशी नदी पर डायवर्जन बांध बनाया जाएगा और उससे फीडर नहर (आपूर्ति नहर) के माध्यम से राजुरा बांध में पानी लाया जाएगा। इस परियोजना की भंडारण क्षमता 5,989 मिलियन क्यूबिक मीटर है। विदर्भ सिंचाई विकास निगम ने 2008-09 में मूल रूप से 44.79 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ इस योजना को मंजूरी दी थी। राज्य स्तरीय तकनीकी सलाहकार समिति, नासिक द्वारा वर्ष 2017-18 के टैरिफ के आधार पर 193.81 करोड़ रुपये की संशोधित प्रशासकिय मान्यता के लिए सिफारिश की थी। इसे विदर्भ सिंचाई विकास निगम के नियामक बोर्ड द्वारा मंजूरी मिली थी। 

अनाथ बच्चों की आरक्षण नीति में संशोधन को मंजूरी

प्रदेश में अनाथ बच्चों के शिक्षा और नौकरियों के लिए लागू एक प्रतिशत आरक्षण की नीति में संशोधन को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने अनाथ बच्चों को अ, ब और क तीन वर्ग में वर्गीकरण करके तीनों वर्गों के अनाथ बच्चों को शिक्षा और नौकरियों में एक प्रतिशत आरक्षण देने के लिए मान्यता दी है। अनाथ बच्चों के लिए लागू खुल वर्ग के एक प्रतिशत समांतर आरक्षण के ऐवज में अब दिव्यांगों की तर्ज पर एक प्रतिशत समांतर आरक्षण लागू करने की मंजूरी दी गई है। अनाथ आरक्षण के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अनुसूचित जाति वर्ग के लिए तय आयु, शैक्षणिक शुल्क, परीक्षा शुल्क, न्यूनतम गुणवत्ता पात्रता आदि मापंदड लागू रहेगा। अनाथ आरक्षण के लिए पदों के गणना, पद भर्ती और शैक्षणिक प्रवेश के लिए कुल पद संख्या का 1 प्रतिशत लागू रहेंगे। अनाथ बच्चों को माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शैक्षणिक शुल्क संपूर्ण प्रतिपूर्ति और उच्च माध्यमिक (स्नातक और स्नातकोत्तर) शिक्षा के लिए सरकारी महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले अनाथ बच्चों का शैक्षणिक शुल्क महिला व बाल विकास विभाग के बाल न्याय निधि में वहन किया जाएगा। 

प्रदेश की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी से साल 2018 से परीक्षा देकर रिजल्ट का इंतजार करने वाले अनाथ बच्चों को फायदा मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि अ वर्ग में 100 प्रतिशत अनाथ बच्चों का समावेश किया जाता है। ब वर्ग में वे अनाथ बच्चे आते हैं जो बाल गृह में रहते हैं और उनके माता-पिता के बारे में जानकारी नहीं हैं। क वर्ग में वे बच्चे आते हैं जो बचपन से बालगृह में रहते हैं और उनके परिजन हैं। ठाकुर ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने साल 2018 में अनाथ बच्चों को एक प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया था लेकिन उस शासनादेश में कुछ खामियां थीं। इस कारण अनाथ बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया था। इसलिए सरकार ने संशोधन का फैसला किया है। 

कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल के लिए किराए देगी राज्य सरकार

प्रदेश सरकार ने कामकाजी महिलाओं को रहने की सुविधा देने के लिए अहम फैसला लिया है। केंद्र सरकार की नौकरी करने वाली महिलाओं के लिए छात्रावास योजना में अब राज्य सरकार भी भागीदारी लेगी। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे अनुसार सरकार प्रदेश भर में 50 महिला छात्रावास चलाने के लिए किराया देगी। इसके लिए केंद्र सरकार 60 प्रतिशत, राज्य सरकार 15 प्रतिशत और एनजीओ 25 प्रतिशत राशि खर्च करेंगी। पहले केवल केंद्र सरकार 75 प्रतिशत और एनजीओ 25 प्रतिशत छात्रावास के लिए राशि देते थे। प्रदेश की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि राज्य में 50 छात्रावास चलाने का लक्ष्य है। इसमें मुंबई शहर में 4, मुंबई उपनगर में 6, ठाणे में 6, पुणे में 4 के अलावा हर जिले में 1-1 महिला छात्रावास खोले जाएंगे। ठाकुर ने बताया कि 50 हजार रुपए से कम वेतन पाने वाली एकल महिला और एकल माता सहित अन्य महिलाओं को छात्रावास में रहन की सुविधा होगी। ठाकुर ने कहा कि छात्रावास में महिलाओं के साथ उनकी बेटियां 18 साल तक और बेटे 5 साल तक रह सकेंगे। महिला को छात्रावास में रहने के लिए उनके वेतन का 15 प्रतिशत किराए के रूप में देना पड़ेगा। यदि एक कमरे में दो महिलाएं रहेंगी तो वेतन की 10 प्रतिशत राशि देनी होगी। छात्रावास में महिलाओं को तीन साल तक रहने की अनुमति होगी। जबकि उन्हें दो साल तक और रहने के लिए समय दिया जा सकता है। 
 

Created On :   11 Aug 2021 9:57 PM IST

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