11 वीं में प्रवेश के लिए होने वाली CET को लेकर विशेषज्ञों की समिति बनाए राज्य सरकार - HC

State government should form a committee of experts regarding CET for 11th admission - HC
11 वीं में प्रवेश के लिए होने वाली CET को लेकर विशेषज्ञों की समिति बनाए राज्य सरकार - HC
11 वीं में प्रवेश के लिए होने वाली CET को लेकर विशेषज्ञों की समिति बनाए राज्य सरकार - HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को कक्षा 11 वीं में प्रवेश के लिए ली जानेवाली सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) को लेकर राज्य सरकार को विभिन्न शिक्षा बोर्ड के विशेषज्ञों की कमेटी बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सरकार को इस मामले का तर्कसंगत समाधान खोजने को कहा है। न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने आईसीएसई बोर्ड की एक छात्रा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में मुख्य रुप से राज्य सरकार की ओर से लिए गए उस निर्णय को चुनौती दी गई है जिसके तहत कक्षा 11 वीं में प्रवेश के लिए ली जानेवाली सीईटी परीक्षा का पाठ्यक्रम महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एसएससी बोर्ड) के पाठ्यक्रम के आधार पर तय किया गया है। याचिका में सरकार के इस निर्णय को भेदभावपूर्ण बताया गया है। पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मामले को लेकर प्रथम दृष्टया मत व्यक्त करते हुए कहा था कि राज्य सरकार सभी विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम का चुनाव नहीं कर सकती है। खास तौर से जो छात्र महाराष्ट्र बोर्ड से पास नहीं हुए हैं। खंडपीठ ने सुझाव स्वरुप कहा था कि क्या सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए सीईटी परीक्षा के लिए अलग पाठ्यक्रम तैयार किया जा सकता है। 

इससे बन जाएगा अफरातफरी का माहौल

बुधवार को खंडपीठ के सामने सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने कहा कि विभिन्न शिक्षा बोर्ड को सीईटी परीक्षा के लिए अलग पाठ्यक्रम तैयार करने की अनुमति देना संभव नहीं है। क्योंकि सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के अलावा इंटरनेशनल बोर्ड भी इस मामले में पक्षकार बनने का आग्रह किया है। विभिन्न शिक्षा बोर्ड चाहते हैं कि सीईटी की परीक्षा में उनका भी पाठ्यक्रम शामिल किया जाए। इससे पूरी तरह से अफरातफरी का माहौल बन जाएगा। क्योंकि एसएससी बोर्ड सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के लिए प्रश्नपत्र नहीं तैयार कर सकता है। 

इस पर खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले का तर्कसंगत समाधान निकाले। जिससे किसी भी विद्यार्थी के साथ अन्याय न हो। इसलिए सरकार इस मामले में विशेषज्ञों की कमेटी बनाने पर विचार करे। जिसमे सभी बोर्ड के प्रतिनिधि हो। यह कमेटी सभी विद्यार्थियों के लिए प्रश्नपत्र तैयार करे। खंडपीठ ने अब मामले की सुनवाई 4 अगस्त 2021 को रखी है और सरकार को इस मामले में जवाब देने को कहा है। 
 

Created On :   28 July 2021 7:45 PM IST

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