प्रार्थना सभा की अनुमति पर दो दिनों में फैसला ले राज्य सरकार - हाईकोर्ट

State Government to take decision on permission of prayer meeting in two days - HC
प्रार्थना सभा की अनुमति पर दो दिनों में फैसला ले राज्य सरकार - हाईकोर्ट
प्रार्थना सभा की अनुमति पर दो दिनों में फैसला ले राज्य सरकार - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना सभा के आयोजन की अनुमति के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने पारसी समुदाय की अग्रणी संस्था पारसी पंचायत को राज्य सरकार के सामने अपना निवेदन देने का निर्देश दिया है, जबकि राज्य सरकार के गृह विभाग व आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव को दो दिन के भीतर इस पर निर्णय लेकर इसकी जानकारी कोर्ट को देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति आरडी धानुका व माधव जामदार की खंडपीठ ने यह निर्देश पारसी पंचायत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने खंडपीठ के सामने कहा कि हम पारसी समुदाय को पूरे राज्य भर में सिर्फ एक प्रार्थना सभा के आयोजन की अनुमति दे सकते हैं। इसलिए याचिकाकर्ता हमें आश्वस्त करें कि दूसरी जगह प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं होगा। दरसअल पारसी पंचायत 3 सितंबर 2020 को मुंबई के केम्सकार्नर इलाके स्थित डोंगरवाड़ी में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन करना चाहता है। इसके लिए पंडाल बनाने की अनुमति भी चाहते हैं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कहा कि हमारे मुवक्किल कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर सभी नियमों का पालन करने को तैयार हैं लेकिन पूरे राज्य में और कहीं प्रार्थना सभा नहीं होगी इसकी गारंटी याचिकाकर्ता कैसे दे सकता है। इस पर खंडपीठ ने पारसी पंचायत को राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव व आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव के पास अपना निवेदन रखने को कहा। खंडपीठ ने इन दोनों अधिकारियों को बुधवार तक निवेदन पर निर्णय लेकर इसकी जानकारी कोर्ट को देने को कहा। 

हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से तुर्कमेनिस्तान लौट सकेंगी युवतियां

लॉक डाउन के चलते भारत में फंसी तुर्कमेनिस्तान की दो युवतियां बॉम्बे हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के चलते अब अपने देश लौट सकेगी। दोनों युवतियां छात्र वीजा पर भारत आयी थी और पुणे के कॉलेज में अपना पंजीयन कराया था। याचिका के मुताबिक फरवरी 2020 में मुंबई एक होटल में की गई छापेमारी के दौरान इन दोनों महिलाओं को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया था। इसके बाद इन्हें शेल्टर होम में भेज दिया गया था। दोनों अपने एक दोस्त से मिलने आयी थी। हालांकि मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने इन्हें स्वदेश जाने की अनुमति दे दी थी लेकिन अधूरे दस्तावेज के चलते और फिर लॉकडाउन के कारण फ्लाइट उपलब्ध न होने के चलते अपने देश नहीं जा पा रही थी। इसलिए इन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति सी वी भडंग के सामने इन दोनों युवितियो की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान युवितियो की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुजीत पाठक ने कहा कि मेरे मुवक्किलो का देह व्यापार से कोई संबंध नहीं है। वे होटल में अपने एक दोस्त से मिलने गई थी। इस दौरान वहां पुलिस की छापेमारी हुई और पुलिस ने इन्हें भी पकड़ लिया। वे 200 दिनों से सुधारगृह में हैं। अब जर्मनी के रास्ते उनके देश के लिए फ्लाइट उपलब्ध है। इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि राज्य सरकार आश्वस्त करें कि ये दोनों युवतियां अपने देश जा सके। 
    

 

 

Created On :   31 Aug 2020 6:59 PM IST

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