दीवानी न्यायालय में कंगना रनौत का दावा खारिज, ऑफिस तोड़ने के मामले में मनपा आयुक्त को नोटिस

State Human Rights Commission notice to Manpa Commissioner Iqbal Singh Chahal
दीवानी न्यायालय में कंगना रनौत का दावा खारिज, ऑफिस तोड़ने के मामले में मनपा आयुक्त को नोटिस
दीवानी न्यायालय में कंगना रनौत का दावा खारिज, ऑफिस तोड़ने के मामले में मनपा आयुक्त को नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर की दिंडोशी कोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को झटका दिया है। कोर्ट ने बुधवार को रनौत की ओर मनपा की नोटिस के खिलाफ जारी किए गए सूट (दावा) को खारिज कर दिया है। मुंबई महानगरपालिका ने  रनौत को साल 2018 में खार स्थित इमारत के फ्लैट में  किए गए अनधिकृत निर्माण के लिए नोटिस जारी किया था। दरअसल रनौत के खार स्थित आर्चिड ब्रीज नाम की इमारत की पांचवी मंजिल पर तीन फ्लैट है। जिन्हें रनौत एक साथ मिला दिया है। मनपा की नोटिस के मुताबिक रनौत ने फ्लैट के विलय के लिए नियमों का उल्लंघन किया है। जो मंजूर प्लान व एमआरटीपी कानून के प्रावधानों के विपरीत है। मनपा की इस नोटिस के खिलाफ रनौत ने कोर्ट में दावा दायर किया था। जिसे दिंडोशी कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने रनौत को हाईकोर्ट जाने के लिए 6 सप्ताह तक का समय दिया है। 
  
ऑफिस तोड़ने के मामले में मनपा आयुक्त को नोटिस

ऑफिस तोड़ने जाने के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुंबई महानगर पालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल को समन भेजकर सवालों के जवाब देने के लिए हाजिर रहने को कहा है। चहल को अगले साल 20 जनवरी को सुबह 11 बजे राज्य मानवाधिकार आयोग के सामने पेश होने को कहा गया है। इससे पहले बांबे हाईकोर्ट ने भी तोड़क कार्रवाई को गलत ठहराते हुए नुकसान के आंकलन लिए  एक निजी फर्म को नियुक्त करने के आदेश दिए थे। जिससे नुकसान भरपाई की रकम तय की जा सके। मामले में एक वकील ने राज्य मानवाधिकार आयोग में अर्जी दायर की थी। 

दरअसल सुशांत मामले में कंगना रनौत और राज्य सरकार के बीच चल रहे आरोप प्रत्यारोप के बीच मुंबई महानगर पालिका ने अभिनेत्री के प्रोडक्शन हाउस मणिकर्णिका फिल्मस् का ऑफिस तोड़ दिया था। बांद्रा के पाली हिल इलाके में स्थित इस ऑफिस में इसी साल 9 सितंबर को तोड़क कार्रवाई की गई थी। मुंबई महानगर पालिका ने ऑफिस के कुछ हिस्सों को अवैध बताते हुए काम रोकने का नोटिस जारी किया और 24 घंटे के भीतर ऑफिस का बड़ा हिस्सा गिरा दिया। कंगना ने तोड़क कार्रवाई को अवैध बताते हुए बांबे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मुंबई महानगर पालिका से दो करोड़ रुपए की नुकसान भरपाई का दावा किया। जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने भी कार्रवाई को गलत माना और नुकसान भरपाई के लिए मूल्यांकन के आदेश दिए। इसके बाद मानवाधिकार आयोग की नोटिस मुंबई महानगर पालिका और राज्य सरकार के लिए एक और झटका माना जा रहा है।  

Created On :   23 Dec 2020 5:55 PM IST

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