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राज्य अंधेरे में नहीं जाएगा, कोराड़ी-खापरखेड़ा में बचा केवल डेढ़ दिन का काेयला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोयले की किल्लत के कारण कोराड़ी व खापरखेड़ा औष्णिक विद्युत केंद्र में केवल डेढ़-डेढ़ दिन का कोयला बचा हुआ है। कोयले की कमी के कारण पहले ही औष्णिक विद्युत केंद्र के कोराडी का एक यूनिट बंद किया गया है। महानिर्मिति ने दावा किया कि नागपुर समेत राज्य अंधेरे में नहीं जाएगा। नागपुर समेत राज्य को रोशन रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। बता दें कि जिले के काेराडी व खापरखेडा आैष्णिक विद्युत केंद्र में कोयले पर बिजली का निर्माण होता है। पिछले कुछ दिनों से कोयले की आपूर्ति प्रभावित होने से कोयले की किल्लत निर्माण हुई है। लोड शेडिंग का कुचक्र फिर से आने का डर बढ़ गया है। दुरुस्ती के लिए किए जानेवाले सीमित शटडाउन का समय भी बढ़ने का खतरा है।
वैकल्पिक व्यवस्था का दावा
इस बीच महानिर्मिति मुंबई के सूत्रों ने दावा किया कि अब केवल कोयले पर ही बिजली निर्मिति निर्भर नहीं है। सौर ऊर्जा, हाइड्रो (जलविद्युत), पवन चक्की, न्यूक्लियर (परमाणु), जियोथर्मल (भूगर्भ) व प्राकृतिक गैस से बिजली निर्माण हो रहा है। बिजली निर्माण के कई वैकल्पिक मार्ग अभी खुले है। इसके अलावा निजी कंपनी से भी बिजली खरीदकर उपभोक्ताआें को दी जा सकती है। दावा किया कि नागपुर समेत राज्य को अंधेरे में नहीं जाने दिया जाएगा। कोयले का स्टॉक भले ही कम है, लेकिन बिजली उत्पादन के अन्य मार्ग अभी बंद नहीं हुए। मुंबई व आसपास के क्षेत्रों में निजी कंपनियां ही उपभोक्ताआें को सीधे बिजली आपूर्ति करती हैं। राज्य में उपभोक्ताआें को बिजली आपूर्ति के लिए निजी कंपनियां पहले से ही तैयार बैठी हैं।
Created On :   10 Oct 2021 5:37 PM IST