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ग्राम गुठला में स्टीविया खेती का प्रशिक्षण सम्पन्न किसान की आय दुगनी करने के लिए स्टीविया की खेती करें - कलेक्टर
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण पन्ना द्वारा अजयगढ जनपद पंचायत के ग्राम गुठला में एक दिवसीय स्टीविया की खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान श्री रामलगन पाल के खेत में स्टीविया की खेती का अवलोकन भी कराया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती के चित्र पर मार्ल्यापण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री संजय कुमार मिश्र ने प्रशिक्षण में उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शासन किसानों की आय को दुगना करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में जैविक खेती के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए स्टीविया की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह खेती एक नगद फसल है। कम अवधि में स्टीविया का उत्पादन कर अधिक लाभ कमाया जा सकता है। किसानों को अपने उत्पाद को विक्रय करने के लिए अपने गांव के बाहर बाजार जाने की आवश्यकता नही है। उनके खेत से ही व्यापारी स्टीविया की फसल को क्रय कर लेता है। शासन द्वारा किसानों को के हित को ध्यान में रखते हुए कृषि उत्पाद मूल नीति लागू की गयी है। इसलिए कोई भी व्यापारी शासन द्वारा निर्धारित दर से कम मूल्य पर कृषि उत्पाद को नही खरीद सकता। इस अवसर पर सहायक संचालक उद्यान श्री महेन्द्र मोहन भट्ट द्वारा बताया गया कि इस ग्राम में विगत 3 वर्षो से रामलगन पाल द्वारा स्टीविया की खेती की जा रही है। इनके द्वारा उत्पादित स्टीविया की फसल की सूखी पत्तियों को 70 से 85 रूपये किलो की दर से विक्रय किया गया है। यह फसल वर्ष में चार बार ली जाती है। जिससे एक एकड की फसल से साल में एक से डेढ लाख रूपये कमाया जा सकता है। स्टीविया की खेती करने पर किसान को भारत सरकार द्वारा एक हेक्टेयर पर 45 हजार रूपये अनुदान के साथ एवं खेती करने की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस अवसर पर उद्यानिकी विभाग द्वारा नये किसानों को स्टीविया के पौध वितरित किए गए। सम्बोधन में बताया गया कि आगामी समय में 250 एकड भूमि पर स्टीविया की खेती कराए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस खेती से उत्पादित स्टीविया की फसल को क्रय करने के लिए स्थानीय व्यापारियों के साथ जिले के बाहर से व्यापारियों को आमंत्रित किया जा रहा है। यह एक औषधीय पौध की खेती है जो मधुमेह रोगियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इससे बनी औषधी नुकसान रहित एवं आसानी से बचने वाली होती है। वर्तमान में स्टीविया की मांग निरंतर बढ रही है। आगामी समय में किसानों के लिए यह एक लाभ की खेती के रूप में जाना जाएगा पन्ना। इस अवसर पर प्रशिक्षण में शामिल 130 किसानों द्वारा हांथ उठाकर स्टीविया की खेती करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री बी.बी. पाण्डेय, वरिष्ठ उद्यान अधिकारी श्री महेश प्रताप सिंह बुंदेला, श्री विद्यासागर त्रिपाठी, श्री आर.टी. त्रिपाठी, श्री संजीत बागरी, श्री पुरूषोत्तम प्रजापति, श्री ईश्वरदीन अहिरवार, श्री बनवारी कुशवाहा, डॉ. विनोद तिवारी, श्रीमती आरती सिंह, श्रीमती सोनाली असाटी, श्री रामस्वरूप वर्मा के साथ छतरपुर के श्री मुनेश शर्मा के साथ बडी संख्या किसानगण उपस्थित रहे।
Created On :   10 Nov 2020 3:03 PM IST