रखने की जगह नहीं फिर भी रोका परिवहन, किसानों का अटका भुगतान

Still no place to keep, transportation stopped, payment of farmers stuck
रखने की जगह नहीं फिर भी रोका परिवहन, किसानों का अटका भुगतान
शहडोल रखने की जगह नहीं फिर भी रोका परिवहन, किसानों का अटका भुगतान

 डिजिटल डेस्क शहडोल इस वर्ष धान उपार्जन की लचर व्यवस्था का खामियाजा अन्नदाता किसानों को भुगतना पड़ रहा है। एक और खरीदी केंद्रों से धान परिहवन का कार्य रोककर सैकड़ों किसानों का भुगतान अटका दिया गया है, वहीं उपार्जन की तिथि आगे नहीं बढऩे के कारण हजारों किसान अपनी उपज बिक्री से वंचित हो गए हैं। उपार्जन के लिए १५ जनवरी आखिरी तारीख है। इसके एक दिन पहले यानि १४ जनवरी तक ७५०० से अधिक किसान अपनी धान बिक्री से वंचित थे। सवाल उठाए जा रहे हंै कि एक दिन में इतने किसानों से खरीदी कैसे हो सकेगी, जबकि एसएमएस सुविधा को नान द्वारा लॉक करवा दिया गया है। कहा जा रहा है कि अब तक हो चुकी खरीदी की धान को रखने की जगह नहीं होने के कारण जान बूझकर किसानों को उपार्जन से वंचित रखा जा रहा है। खरीदी की डेट बढ़ेगी या नहीं इसको लेकर संशय है। हालांकि फूड कमिश्नर भोपाल द्वारा कलेक्टरों को पत्र लिखकर १५ जनवरी को १२ बजे तक यह जानकारी मांगी गई है कि किन किन समितियों में कितने किसान उपार्जन से वंचित रहे गए हैं।
परिवहन बिना अटका भुगतान
भण्डारण की सबसे ज्यादा समस्या ब्यौहारी और जयसिंहनगर क्षेत्र के केंद्रों में आ रही है। खरीदी केंद्र पपौंध, कुंआ सहित अनेक केंद्रों मे धान रखने की जगह नहीं है। इसके बावजूद परिवहन कार्य बंद है। बताया गया है कि नान के अधिकारियों ने परिवहन कार्य रोकने को कहा है। करीब ५ दिनों से परिवहन न होने से खरीदी भी प्रभावित हो रही है। वहीं सैकड़ों किसानों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। भुगतान की राशि तभी खातों में आती है जब परिवहन का कार्य हो जाता है। कहा जा रहा है कि शहडोल, गोहपारू, बुढ़ार खन्नौधी के गोदामों में साढ़े तीन लाख क्विंटल से अधिक की जगह बची हुई है। इसके बावजूद नान द्वारा परिवहन नहीं कराया जा रहा है। जबकि बेयर हाउसिंग के अधिकारियों ने साफ कह दिया है कि वे ब्यौहारी व जयसिंहनगर में और भण्डारण नहीं कर सकते।
क्यों करें, कोई नहीं सुनता
पपौंध उपार्जन केंद्र प्रभारी धनुषधारी मिश्रा ने बताया कि पपौंध में आठ हजार एवं कुआं में १० हजार क्विंटल से अधिक धान खुले में रखी है। अब खरीदी के बाद की धान छल्ली के रूप में रखवा रहे हैं। हर रोज नान के अधिकारियों को पत्र लिखकर परिवहन कराने की बात कही जाती है, लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है। क्या करें हमारी कोई सुनता ही नहीं। परिवहन न होने से किसानों को भुगतान भी नहीं हो पा रहा है।
इनका कहना है
भण्डारण की समस्या को देखते हुए ब्यौहारी से परिवहन के निर्देश दिए थे। पालन क्यों नहीं हुआ, इसे दिखवाता हूं। लापरवाही है तो कार्रवाई होगी।

Created On :   15 Jan 2022 3:02 PM IST

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