दो चीनी पर्यटकों से पत्थर की चंदेलकालीन मूर्ति जब्त, एएसआई को सौंपी

Stone Chandelian statue seized from two Chinese tourists, handed over to ASI
दो चीनी पर्यटकों से पत्थर की चंदेलकालीन मूर्ति जब्त, एएसआई को सौंपी
दो चीनी पर्यटकों से पत्थर की चंदेलकालीन मूर्ति जब्त, एएसआई को सौंपी

डिजिटल डेस्क  खजुराहो । पर्यटन नगरी खजुराहो में रविवार सुबह लगभग 10 बजे पश्चिमी मंदिर समूह के मुख्य प्रवेश द्वार पर रुटीन चेकिंग के दौरान दो चीनी पर्यटकों की जांच में एक चंदेलकालीन मूर्ति बरामद हुई। सुरक्षा कर्मचारियों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने एएसआई से मूर्ति के बारे में पूछताछ की। लेकिन एएसआई के ढुल-मुल रवैये की वजह से न सिर्फ पर्यटकों को छोड़ दिया गया, बल्कि चीनी पर्यटकों द्वारा कही गई बातों का सत्यापन भी पुलिस ने नहीं कराया। जानकारी के मुताबिक चीनी पर्यटक झू मिन निवासी शिनजियांग और साथी पर्यटक गु फेंग्फेंग निवासी शंघाई रविवार सुबह यहां मंदिर भ्रमण के लिए पहुंचे थे। यहां मंदिर की सुरक्षा में तैनात एसआईएस ने प्रवेश से पहले उनके सामान की जांच की। इसमें उन्हें एक पत्थर की जैन तीर्थंकर मूर्ति भी मिली। प्रथम दृष्टया उक्त मूर्ति चंदेलकालीन आदिनाथ भगवान की मूर्ति है। इसकी ऊंचाई लगभग आधा फीट हैं। इसे देखकर सुरक्षा कर्मचारियों ने चीनी पर्यटकों से पूछताछ की। पर्यटकों नेे बताया कि ये मूर्ति उन्होंने जैन मंदिर मार्ग के पास से किसी अज्ञात व्यक्ति से खरीदी है। इस पर उक्त एसआईएस के कर्मचारी सामने स्थित पुलिस की पर्यटक चौकी में मूर्ति व पर्यटकों को ले गए। जहां से उन्हें खजुराहो थाने ले जाया गया। जहां पर पुलिस ने मूर्ति जब्त कर कार्रवाई शुरू कर दी है। 
संदिग्ध पहलू - चीनी पर्यटकों ने बयान बदले या बदलवाए गए!
पुलिस स्टेशन में भारतीय पुरातत्व विभाग के दीपक खरे तथा सुरक्षा एजेंसी एसआईएस के शिवकुमार मिश्रा ने पुलिस को बताया कि दोनो पर्यटकों ने उन्हें जैन मंदिर मार्ग पर एक अज्ञात व्यक्ति से मूर्ति खरीदने की बात बताई है। हालांकि उक्त पर्यटकों ने पुलिस को दिए आवेदन में मूर्ति रास्ते में डली मिलने से उठाकर रखने का उल्लेख किया है। इससे सवाल उठता है कि आखिर दोनो चीनी पर्यटकों से किसी ने बयान बदलवा दिया है या फिर उन्हें खुद ही बदल दिए हैं। 
एएसआई मूर्ति के बारे में तुरंत जानकारी देने से इनकार किया, इससे हुई उलझन
खजुराहो पुलिस ने भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से जानकारी लेकर उक्त मूर्ति पुरातत्व विभाग को सुपुर्द कर दी। तथा पर्यटकों को छोड़ दिया जिससे वे खजुराहो से रवाना हो गए। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह ने बताया कि एएसआई को मूर्ति सौंप दी गई है। वे तुरंत मूर्ति के बारे में रिपोर्ट देते तो ज्यादा बेहतर होता।
मामले की तह में नहीं गई खजुराहो पुलिस
एक सवाल यह भी है कि मूर्ति का चंदेलकालीन होना तय है। फिर खजुराहो में कौन मूर्तियों की तस्करी कर रहा है। कहां से ये मूर्तियां निकाली जाती है। कम से कम पुलिस उन पर्यटकों के रास्ते के सीसीटीवी खंगाल सकती थी कि किसने उन्हें ये मूर्ति बेची लेकिन बजाय पड़ताल करने के पुलिस ने मामले को बेहद हल्के ढंग से लिया। इसकी आगे जांच करने के बजाय उन्हें पर्यटकों को छोड़ दिया गया।
इनका कहना है
खजुराहो पुलिस ने कार्रवाई के दौरान हमारे विभाग को सूचित करके उक्त मूर्ति सुपुर्दगी में दी है। जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी। जांच उपरांत ही कुछ बताया जा सकता है।
- केके वर्मा, सहा. अधीक्षण पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व विभाग, खजुराहो
पश्चिमी मंदिर समूह में तैनात सुरक्षा एजेंसी एसआईएस के सुरक्षाकर्मी शिवकुमार मिश्रा ने चेकिंग के दौरान चाइनीज पर्यटक से पत्थर की मूर्ति पकड़ी थी। जिसे पर्यटकों सहित थाने लाया गया। पूछताछ के बाद मूर्ति को भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से जानकारी के बाद विभाग को सुपुर्द किया गया जबकि पर्यटकों को छोड़ दिया गया है।
-रावेन्द्र सिंह बागरी, थाना प्रभारी, खजुराहो

Created On :   23 Sep 2019 8:32 AM GMT

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