बंद हो स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई, ट्यूशन फीस के लिए न बनाया जाए दबाव

Stop online education in schools, pressure should not be made for tuition fees
 बंद हो स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई, ट्यूशन फीस के लिए न बनाया जाए दबाव
 बंद हो स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई, ट्यूशन फीस के लिए न बनाया जाए दबाव

जनहित याचिका में चाही गई राहत पर हाईकोर्ट ने इन्दौर बैंच से तलब किए दो मामले, स्कूल फीस के मामलों पर 13 जुलाई को होगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर।
हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि निजी स्कूलों में शुरू की गई ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की आँखों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। याचिका में राहत चाही गई है कि पढ़ाई की इस व्यवस्था को बंद कराने और अभिभावकों से ट्यूशन व अन्य मदों की फीस वसूली को रोकने के निर्देश निजी स्कूलों को दिए जाएँ। मंगलवार को चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ ने इस मामले पर 13 जुलाई को सुनवाई करने के निर्देश दिए, साथ ही स्कूल फीस को लेकर इन्दौर खण्डपीठ में दायर दो मामले भी बुलाने के निर्देश युगलपीठ ने दिए, ताकि सभी की सुनवाई एक साथ हो सके।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपाण्डे और रजत भार्गव की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के निजी स्कूलों में फिलहाल ऑनलाइन व डिजिटल क्लासें चलाई जा रहीं हैं, जिनमें अधिकांश छात्र मोबाइल के जरिए कनेक्ट किए जाते हैं। आवेदकों का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन व कई नेत्र रोग विशेषज्ञों ने कहा है कि 6 इंच की स्क्रीन वाले मोबाइल से बच्चों की आँखों पर बुरा असर पड़ेगा। ऐसे में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई उनके स्वास्थ्य के लिए घातक है।
याचिका में यह भी आरोप है कि बीते 24 अप्रैल को राज्य सरकार ने निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलने के आदेश दिए थे, लेकिन उसके बाद से निजी स्कूलों ने इस साल की ट्यूशन फीस में ही वृद्धि कर दी, जो अवैधानिक है।
मामले पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय और राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली हाजिर हुए। श्री उपाध्याय ने युगलपीठ को बताया कि सीबीएसई स्कूलों के संगठनों की याचिका पर 15 जून को इन्दौर खण्डपीठ से और 24 जून को मुख्यपीठ जबलपुर से दो विरोधाभासी अंतरिम आदेश पारित हुए हैं। इनके अलावा एक और मामला इन्दौर बैंच में लंबित है। ऐसे में जरूरी है कि सभी मामलों की सुनवाई एक साथ की जाए, ताकि उन पर एक सा फैसला आ सके। इस बारे में सरकार की ओर से कोई आपत्ति न होने पर युगलपीठ ने इंदौर बैंच से दोनों मामले तलब करने के निर्देश दिए।

Created On :   8 July 2020 8:35 AM GMT

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