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तेवर सख्त- कृषि पंपों के बिल की वसूली के आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर. पिछले तीन साल से कृषि पंपाें का कनेक्शन काटने का काम बंद था। इस कारण कृषि उपभोक्ता बिल भुगतान में बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। महावितरण नागपुर जोन में कृषि उपभोक्ताआें पर बकाया बिल 600 करोड़ से ज्यादा हो गया है। अब महावितरण ने बिल भुगतान में फिसड्डी कृषि उपभोक्ताआें पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। कृषि पंपों के बिल की वसूली का टारगेट अभियंताआें को दिया गया है। जो किसान बकाया बिल नहीं भर रहा, उनके कनेक्शन काटने के आदेश दिए गए हैं।
कोरोना काल में बरती नरमी : कोरोना के कारण दो साल से ज्यादा समय तक कृषि उपभोक्ताआें से वसूली में नरमी बरती गई। कृषि उपभोक्ताओं के लिए महाकृषि योजना लाकर बकाया बिल में छूट दी गई। राज्य में अतिवृष्टि होने से एक साल से फिर कृषि उपभोक्ताआें से बकाया बिल की वसूली का मामला ठंडा पड़ा हुआ था। कुल तीन साल से बकाएदार कृषि उपभोक्ताआें के कनेक्शन काटना बंद था। महावितरण की नरमी के कारण राज्य में कृषि उपभोक्ताआें पर 45 हजार करोड़ से ज्यादा का बिल बकाया हो गया। नागपुर जोन (नागपुर व वर्धा जिला) की बात करें तो कृषि उपभोक्ताओं पर 600 करोड़ से ज्यादा का बिल बकाया है।
बैठक में सख्त फैसला : महावितरण मुख्यालय ने कृषि उपभोक्ताआें से बकाया बिल की वसूली करने को कहा। साथ ही वसूली में फिसड्डी अभियंताआें पर कार्रवाई करने को कहा। महावितरण नागपुर जोन के मुख्य अभियंता ने 9 नवंबर को अभियंताआें की बैठक ली आैर बकाएदार कृषि उपभोक्ताआें से बिल वसूली करने के आदेश दिए। बिल भुगतान नहीं करने वालों के कनेक्शन काटने को कहा। कृषि कनेक्शन का चालू बिल 100 फीसदी वसूली करने को कहा गया है। हर अभियंता को तय टारगेट के मुताबिक वसूली करना है। करंट बिल 100 फीसदी व बकाया बिल की थोड़ी-थोड़ी वसूली करनी है। वसूली में फिसड्डी अभियंताआें पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई।
छिड़ सकती है सियासी लड़ाई
राज्य में राजनीति हमेशा ही किसान के इर्द-गिर्द रहती है। किसानों पर कार्रवाई की भनक लगते ही राजनीतिक लड़ाई छिड़ जाती है। विपक्ष में जो भी हो हमेशा ही इसे बड़ा मुद्दा बनाते रहा है। यही कारण है कि सरकार खुलकर कभी भी बकाएदार कृषि उपभोक्ताआें के कनेक्शन काटने को नहीं कहती। कृषि पंपों पर हजारों करोड़ का बकाया बिल महावितरण के साथ ही सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द है। कृषि उपभोक्ताआें की लाइन काटने पर फिर सियासी लड़ाई छिड़ सकती है। कोई भी पार्टी किसानों से सीधे विवाद नहीं करना चाहती।
ऊर्जा मंत्री नागपुर से : विदर्भ कभी गीला तो कभी सूखे अकाल से जुझते रहता है। पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व डा. नितीन राऊत नागपुर से हैं। ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस भी नागपुर से हैं।
Created On :   13 Nov 2022 7:42 PM IST