अनिल देशमुख के चचेरे भाई सत्यजीत देशमुख के भी जुडे मामले से तार 

Strings from the case of Anil Deshmukhs cousin Satyajit Deshmukh too
अनिल देशमुख के चचेरे भाई सत्यजीत देशमुख के भी जुडे मामले से तार 
ईडी का शिकंजा अनिल देशमुख के चचेरे भाई सत्यजीत देशमुख के भी जुडे मामले से तार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के चचेरे भाई सत्यजीत देशमुख की कंपनी भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जांच के घेरे में फंस गई है। कंपनी द्वारा किया गया 10.9 करोड़ रुपए का भुगतान संदेह के घेरे हैं। जांच एजेंसी को शक है कि कंपनी के जरिए अनिल देशमुख तक यह रकम पहुंचाई गई। सत्यजीत इनोवेव इंजीनियरिंग एंड एडवटाइजर्स प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के सह मालिक हैं। यह कंपनी अमेरिका की लुईस बर्जर कंपनी की सह ठेकेदार है। लुईस बर्जर कंपनी वर्सोवा–बांद्रा सीलिंक परियोजना की परियोजना प्रबंधन सलाहकार है। इसके अलावा कंपनी मुंबई कोस्टल रोड और मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे जैसे दूसरी बड़ी परियोजनाओं में भी उप सलाहकार है। छानबीन में खुलासा हुआ है कि साल 2017-2018 के बीच दूसरी कंपनियों को ठेके मिले थे लेकिन इन कंपनियों ने 2018-2020 के बीच सत्यजीत की कंपनी इनोवेव को सह सलाहकार बना दिया। सत्यजीत ने ईडी को जो बयान दिया है उसमें उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि इस कंपनी को परियोजनाओं के सलाहकार के रुप में काम करने का कोई अनुभव नहीं था। ईडी सत्यजीत से तीन बार पूछताछ कर चुकी है। 

देशमुख के घर बैठकों में मौजूद रहते थे सत्यजीत 

जानकारी सामने आई थी कि वे अनिल देशमुख की घर पर होने वाली आधिकारिक बैठकों में मौजूद रहते थे जिसके बाद ईडी ने उन पर शिकंजा कसना शुरू किया। इनोवेव कंपनी में सत्यजीत देशमुख की 30 फीसदी की हिस्सेदारी है जबकि 70 फीसदी हिस्सेदारी नागपुर के अजय धवंगले नाम के व्यक्ति के पास है। धवंगले अनिल देशमुख के करीबी बताए जाते हैं। सत्यजीत ने ईडी को बताया कि पहले कंपनी का नाम अकोला ऑनलाइन लिमिटेड थे और वे साल 2018 में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रुप में कंपनी का हिस्सा बने थे। ईडी सूत्रों के मुताबिक इनोवेव ने अंश इंफ्राटेक प्रायवेट लिमिटेड को 3.81 करोड़ रुपए का संदिग्ध भुगतान किया। जिस कंपनी को भुगतान किया गया वह भी धवंगले की ही है। उसने दिखाया कि पैसों का इस्तेमाल सामान खरीदने के लिए हुआ लेकिन वास्तव में कुछ नहीं खरीदा गया था। इसके अलावा एडवांस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टंट्स और ग्लोबल बिजनेस एडवाइजरी सर्विसेस नाम की दो कंपनियों को भी 7.10 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया लेकिन इन दोनों कंपनियों से भी किसी तरह की सेवा लेने के सबूत नहीं मिले। ये दोनों कंपनियां भी धवंगले की ही हैं। 

 

Created On :   11 Feb 2022 8:32 PM IST

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