- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- अभियोजन पक्ष की आकर्षक काहानी का...
अभियोजन पक्ष की आकर्षक काहानी का समर्थन करनेवाले ठोस सबूत जरुरी - कोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई. विशेष अदालत ने कहा है कि अभियोजन पक्ष की कहानी आकर्षक हो सकती है, लेकिन कहानी का समर्थन करनेवाले ठोस सबूतों का होना जरुरी है। विशेष न्यायाधीश एएम पाटिल ने उपरोक्त बात विवादित धर्मगुरु जाकिर नाईक की अगुवाई में काम करनेवाले इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) में काम करनेवाले युवक अर्शी कुरेसी को बरी करनेवाले आदेश में कही हैं। कुरेसी को कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले से सबूत के अभाव में 6 साल बाद बरी किया था। आदेश की विस्तृत प्रति शनिवार को उपलब्ध हुई है। कुरेशी को इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने साल 2016 में गिरफ्तार किया गया था। कुरेशी पर युआवों को सिराय व ईराक के आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़ने व भरात में नफरत के लिए उकसाने का आरोप था। एनआईए ने कुरेशी के खिलाफ अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून के तहत मामला दर्ज किया था।
Created On :   2 Oct 2022 2:28 PM IST