ऑफलाइन परीक्षा के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र, मुंबई- नागपुर-औरंगाबाद और पुणे में आंदोलन

Students came on road against offline examination, agitation in Mumbai-Nagpur-Aurangabad and Pune
ऑफलाइन परीक्षा के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र, मुंबई- नागपुर-औरंगाबाद और पुणे में आंदोलन
प्रदर्शन ऑफलाइन परीक्षा के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र, मुंबई- नागपुर-औरंगाबाद और पुणे में आंदोलन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षा इस बार ऑनलाइन कराने की मांग को लेकर राज्य के कई हिस्सों में विद्यार्थी सड़कों पर उतर आए। मुंबई के धारावी इलाके में शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड के घर के बाहर भी हजारों विद्यार्थी आंदोलन करने पहुंच गए। पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। मुंबई सहित नागपुर, औरंगाबाद व पुणे में सैकड़ों छात्र अचानक सड़कों पर उतर आए। स्थानीय पुलिस आयुक्त प्रणय अशोक ने बताया कि सोमवार को ऑनलाइन परीक्षा की मांग करते हुए धारावी के अशोक मिल कंपाउंड में बड़ी संख्या में विद्यार्थी जमा हो गए थे। विद्यार्थियों का कहना है कि जब पूरे साल पढ़ाई ऑनलाइन हुई तो परीक्षा भी ऑनलाइन ही होनी चाहिए। विद्यार्थियों को समझाया गया कि वे अपनी मांग किस तरह सरकार के सामने रख सकते हैं। जो विद्यार्थी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए उनके खिलाफ हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। वहीं जिस कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए विद्यार्थी आंदोलन कर रहे थे इतनी बड़ी संख्या में एक साथ जमा होकर खुद उससे जुड़े नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बीच दसवीं और बारहवीं की परीक्षा को लेकर चल रही अटकलों को देखते हुए स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने हाल ही में बयान जारी कर कहा था कि परीक्षाएं ऑफलाइन तरीके से तय समय पर ही होगीं। इस साल 12वीं की परीक्षा 4 मार्च और 10वीं की परीक्षा 15 मार्च 2022 से शुरु होने वाली है।      

‘हिंदुस्तानी भाऊ’ पर होगी कार्रवाई

पूरा विवाद तब शुरु हुआ जब सोशल मीडिया के जरिए विकास फाटक उर्फ ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ ने इस मुद्दे पर वीडियो पोस्ट किया था। उनका कहना था कि कोरोना संक्रमण के दौरान जब मंत्री और अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठकें कर रहे हैं तो विद्यार्थियों की जान खतरे में क्यों डाली जा रही है। उन्होंने हालात सुधरने तक परीक्षा स्थगित करने की मांग की और ऐसा न होने पर विद्यार्थियों के साथ स्कूली शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड के घर के बाहर प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। इसके बाद मुंबई समेत राज्य के कई हिस्सों में विद्यार्थी सड़कों पर आ गए। वहीं डीसीपी प्रणय अशोक कहा कि इस पूरे घटना क्रम की जांच की जाएगी और आंदोलन के लिए जो जिम्मेदार है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।   

भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए ऑफलाइन परीक्षा का फैसलाः गायकवाड 

विद्यार्थियो के आंदोलन के बाद स्कूली शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में अगल-अलग भौगोलिक स्थितियां हैं इसके चलते परीक्षा को लेकर परेशानियां आ रहीं हैं। कई विद्यार्थी दूरदराज और दुर्गम पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। इसीलिए कोशिश है कि विद्यार्थी जिस स्कूल में पढ़ते हैं वहीं परीक्षा ली जाए। हम खतरा नहीं मोल लेना चाहते इसलिए विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। 10वीं और 12वीं के 30 लाख से ज्यादा विद्यार्थी है। राज्य में एक साथ एक ही दिन परीक्षा ली जाती है। विद्यार्थी कोरोना और परीक्षा के दोहरे तनाव से गुजर रहे हैं इसलिए परीक्षा का समय बढ़ाने का फैसला लिया गया है। हमारी कोशिश है कि परीक्षा समय पर हो जाए जिससे विद्यार्थियों को अगली कक्षा में दाखिला लेने में परेशानी न हो।  

फिलहाल ऑफलाइन परीक्षाः स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री

प्रदेश के स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए आंदोलन हुआ है इसलिए सरकार तुरंत अपना ऑफलाइन परीक्षा का फैसला नहीं बदलेगी। सरकार आंदोलन करने वालों से चर्चा के बाद विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित फैसला लेगी। कडू ने कहा कि सभी विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा के आयोजन के पक्ष में नहीं है। केवल हर शहर में 50 से 100 विद्यार्थियों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन किया है। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा चाहते हैं। कडू ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा को लेकर अचानक आंदोलन हुआ है। स्कूली शिक्षा विभाग को इस आंदोलन के बारे में पहले कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। यदि आंदोलन से पहले ज्ञापन दिया गया होता तो विद्यार्थियों से चर्चा की गई होती।

विद्यार्थियों को भड़काकर उनका भविष्य न करें खराब-पटोले

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने विद्यार्थियों को आंदोलन के लिए उकसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पटोले ने कहा कि दसवीं और बारहवीं की परीक्षा ऑनलाइन कराने की मांग को लेकर मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और उस्मानबाद में हजारों विद्यार्थी सड़कों पर उतर आए। इन विद्यार्थियों को रास्ते पर उतारकर उनके भविष्य से खिलवाड नहीं किया जाना चाहिए। सरकार विद्यार्थियों के साथ है और उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। इसलिए विद्यार्थियों को किसी के कहने पर इस तरह सड़कों पर नहीं उतरना चाहिए। बड़ी संख्या में लोग ऑफलाइन परीक्षा की मांग कर रहे थे। सभी पक्षों की बात सुनने के बाद फैसला किया गया है।

 31 जनवरी 2022

Created On :   31 Jan 2022 7:59 PM IST

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