स्टूडेन्ट्स को ब्लैकबोर्ड से पढ़ने की आदत, नही समझ आ रही ऑनलाइन पढ़ाई

Students habit to read from blackboard, not understand online studies
स्टूडेन्ट्स को ब्लैकबोर्ड से पढ़ने की आदत, नही समझ आ रही ऑनलाइन पढ़ाई
स्टूडेन्ट्स को ब्लैकबोर्ड से पढ़ने की आदत, नही समझ आ रही ऑनलाइन पढ़ाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के कारण कई स्कूलो ने स्टूडेन्ट्स की ऑनलाइन क्लास लेना शुरू किया है। लेकिन ऑनलाइन स्टडी से स्टूडेन्ट्स को परेशानी हो रही है। स्टूडेन्ट्स को क्लास में ब्लैकबोर्ड से पढ़ने की आदत है,ऐसे में वे ऑनलाइन स्टडी का फायदा नहीं ले पा रहे है। ऑनलाइन क्लास में नेटवर्क की बहुत समस्या है। नेटवर्क सहीं नही होने से बीच में ही ऑफलाइन हो जाते है,इस बीच में बीच का पोर्शन भी छूट रहा है। बच्चे कई घंटे तक मोबाइल,लैपटॉप व कम्प्यूटर स्क्रीन पर बिता रहे है,जिससे उनको आंखो और गर्दन की समस्या भी आ रही है। बच्चो को ऑनलाइन स्टडी में हो रही परेशानियों के बारे में  पैरेन्ट्स ने बताया।
 
बच्चों को ब्लैकबोर्ड से पढ़ने की आदत

स्नेह नगर निवासी उर्मिला दांडेकर ने बताया कि उनका बेटा छठवीं क्लास में है। स्कूल की तरफ से ऑनलाइन क्लास ली जा रही है। बच्चा पूरा समय ऑनलाइन स्टडी में लगा रहता है। उसका पूरा दिन मोबाइल में ही बीतता है। कई बार नेटवर्क का ईशु होता है,इससे बीच में ऑफलाइन हो जाता है। थोड़ी देर भी नेट डिस्कनेक्ट होने से बीच में क्या हुआ,उसे समझ नहीं आता है। बच्चों को  सामने ब्लैकबोर्ड से पढ़ने की आदत है। ऑनलाइन में सबसे ज्यादा परेशानी यहीं है। इससे वो पूरा दिन परेशान रहता है। साथ ही कई घंटो तक मोबाइल पर बिताने से उसकी आंखो से भी पानी आ रहा है।
 
आंख और गर्दन की भी हो रही समस्या

त्रिमूर्ति नगर  निवासी राधा जोशी ने बताया कि इस वर्ष बेटी का दसवीं का साल है। कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से नवमीं से दसवीं में प्रमोट कर दिया गया है। दसवीं की परीक्षा होने से स्कूल से हर रोज कई  घंटे की क्लास हो रही है। ऑनलाइन क्लास होने से एक ही जगह पर बहुत देर तक बैठे रहने से उसकी गर्दन में भी प्रॉबलम होने लगी है। मुझे ऐसा लगता है ऑनलाइन क्लास से याद करने की शक्ति भी कम हो रही है। किताब से तो कोई पढ़ाई हो नहीं रही, जिसमें बच्चा याद भी करे। जिस तरह मोबाइल आने से हमें नंबर याद होना बंद हो गया है। ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की मेमोरी लॉस हो रही है।
 
बच्चो का पूरा दिन मोबाइल पर ही बीत रहा

सावरकर नगर निवासी कुंदा पेठे का कहना है कि स्कूल वाले फीस वसूलने के लिए ऑनलाइन क्लास ले रहे है। जबकि बच्चों को ऑनलाइन क्लास से कुछ समझ नहीं आ रहा है। बल्कि उन्हें ऑनलाइन होमवर्क दिया जा रहा है,तो वे पूरे दिन मोबाइल ही रहते है। दिनभर में उनका 7-8 घंटा मोबाइल पर बीतता है। इससे वे छुटिटयां भी एंजॉय नही कर पा रहे है। लगातार एक ही जगह पर बैठने से कमर दर्द, वजन बढ़ने, सायटिका, सिर व गर्दन में दर्द की समस्या भी हो रही है। बच्चों के साथ पैरेन्ट्स को भी परेशानी हो रही है।
 
4 घंटे से ज्यादा ना ले ऑनलाइन क्लास

मनोचिकित्सक डॉ अविनाश जोशी ने बताया कि ऑनलाइन क्लास इसलिए ली जा रही है कि बच्चा की पढ़ाई सफर ना करें। लेकिन 4 घंटे से ज्यादा ऑनलाइन क्लास ना लें। इसका कारण है कि ह्यूमन ब्रेन 45 मिनिट से ज्यादा कॉन्सनट्रेशन नहीं कर सकता है। हर क्लास के बाद स्टूडेन्टस को आधे घंटे का ब्रेक दे। ऑनलाइन स्टडी के लिए स्क्रीन शील्ड का उपयोग करने से आंखो संबंधी परेशानी नहीं होती है। स्क्रीन का ब्राइटनेस भी ज्यादा होता है,इससे भी बच्चों की आंखो पर इफेक्ट पड़ता है। इसलिए जिनके पास स्क्रीन शील्ड है उसका उपयोग करें। लगातार स्टडी होने से दिमाग में कॉन्सेप्ट को स्टोर करने  की क्षमता प्रभावित होती है।
 

Created On :   4 May 2020 4:39 PM IST

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