खेल-खेल में होगी पढ़ाई, शून्य निवेश नवाचार कार्यक्रम होगा शुरू

Study by sports, Zero investment innovation program will start
खेल-खेल में होगी पढ़ाई, शून्य निवेश नवाचार कार्यक्रम होगा शुरू
खेल-खेल में होगी पढ़ाई, शून्य निवेश नवाचार कार्यक्रम होगा शुरू

डिजिटल डेस्क मंडला। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान शैक्षिणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए नया प्रयोग शुरू कर रहा है। स्कूल के शिक्षक शून्य निवेश पर नवाचार कर विद्यार्थियों की तकदीर बदल सकते है। विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता का सही आंकलन कर नए तरीके से अध्ययन कराएगे, जिससे विद्यार्थी आसानी से समझ सके। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिससे शिक्षक नवाचार के विषय में बारिकी से जान सके।
11 केस, 30 नवाचार
स्कूली स्कलों नवाचार के ज्ञान के लिए 11 केस स्टडी कराए जाएगे, इसमें तीस नवाचार शामिल है। विद्यार्थियों सर्वागींण विकास के लिए बाल संसद गठन, खेल-खेल में शिक्षा , कला और शिल्प के माध्यम से विकास, अभिनव शिक्षण तकनीक, दैनिक बाल अखवार, भविष्य सृजन, चित्रकथा के माध्यम से शिक्षा, सरल अंग्रेजी अधिगम, सामुदायिक सहभागिता, कॉन्सेप्ट मैपिंग, छात्र प्रोफाइल के आधार पर शैक्षिणिक गुणवत्ता सुधारी जा सकती है। इन 11 केस में 30 नवाचार की जानकारी शिक्षकों को दी जाएगी। जिसके आधार पर शिक्षक नवाचार कर सकेगे।
सरकारी स्कूलों में  कक्षा 9 से 12 तक  शैक्षिणिक गुणवत्ता सुधारने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान शून्य बजट पर स्कूलों के  शिक्षकों को नवाचार कराएगा। शिक्षकों को नए प्रयोग करने के लिए ओरोबिंदो सोसाइटी के साथ प्रशिक्षण कराने एमओयू किया गया है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ने वार्षिक नवाचार पुस्तिका तैयार की है। इससे शिक्षकों को प्रशिक्षक देकर नवाचार के बारे में बताया जाएगा।
10 नबंवर से प्रशिक्षण
शून्य निवेश पर नवाचार के लिए शिक्षकों को 10 नबंवर से दिया जाएगा। बीजाडांडी में 10 और 11 नबंवर, बिछिया में 13 और 14 नबंवर, घुघरी में 15 और 16 नबंवर, मंडला में 17 और 18 नबंवर, मवई में 20 और 21 नबंवर, मोहगांव में 22और 23 नबंवर, नैनपुर में 24 और 25 नबंवर, नारायणगंज में 27 और 28 नबंवर, निवास में 29 और 30 नबंवर में आयोजित होगा। प्रशिक्षण विकासखंड में इसलिए दो दिन दिया जाएगा, जिससे स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, आधे शिक्षक पहले दिन और आधे शिक्षक दूसरे दिन प्रशिक्षण ले सकेगें।
इनका कहना है
विद्यार्थियों को आसान तरीके से अध्यापन कराकर पढ़ाने के लिए स्कूल के शिक्षक शून्य निवेश पर नवाचार कर सकेगे, इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इससे हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल की शैक्षिणिक गुणवत्ता में सुधार आएगा।
मुकेश पांडे एपीसी, आरएमएसए, मंडला.

Created On :   4 Nov 2017 4:05 PM IST

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