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दिल्ली की तर्ज पर जिला परिषद के स्कूलों के शैक्षणिक दर्जे में सुधार के लिए बना अध्ययन समूह
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने दिल्ली के तर्ज पर महाराष्ट्र के जिला परिषदों के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के शैक्षिणक दर्जे में सुधार करने के लिए अध्ययन समूह की पुनर्रचना की है। इस अध्ययन समूह के दस्ता प्रमुख औरंगाबाद के जिलाधिकारी सुनील चव्हाण बनाए गए हैं। शुक्रवार को प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। महाराष्ट्र सरकार का अध्ययन समूह दिल्ली सरकार के दिल्ली निगम अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाने वाली प्रौद्योगिकी, छात्रों और शिक्षकों को मिलने वाली सुविधाएं, विद्यार्थियों के आचार-विचार, अनुशासन और शिक्षकों की पढ़ाने की कार्यपद्धति के बारे में अध्ययन करेगा। इसके बाद दो महीने के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। सरकार के अध्ययन समूह में कुल 11 सदस्यों का समावेश है। इसमें औरंगाबाद के जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीलेश गटने, कोल्हापुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष संजय सिंह चव्हाण, नाशिक के शिक्षा उप निदेशक डॉ. बी बी चव्हाण, कोल्हापुर के कागल पंचायत समिति के समूह शिक्षाणाधिकारी डॉ. गणपति कमलाकर, अमहनगर के राहता पंचायत समिति के समूह शिक्षाणाधिकारी पोपट काले, अहमदनगर और कोल्हापुर में डिजिटल स्कूल अभियान के समन्वयक संदीप गुंड, औरंगाबाद के सोयगांव तहसील के फर्दापुर स्थित माणिकराव पालोदकर विद्यालय के सहशिक्षक काशीनाथ पाटील, औरंगाबाद के सिल्लोड तहसील के वरुर स्थित जिला परिषद स्कूल के सहशिक्षक जगन सुरसे, औरंगाबाद के वडगाव कोण्हाडी जिला परिषद प्राथमिक स्कूल के मुख्याध्यापक सुनील चिपाटे और सेवानिवृत्त विशेष लेखा परीक्षक आर एस शेख होंगे।
Created On :   17 Dec 2021 9:11 PM IST