- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- पनडुब्बी वागशीर का जलावतरण, एक साल...
पनडुब्बी वागशीर का जलावतरण, एक साल कड़े परीक्षण के बाद सेना में होगी शामिल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। माझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित स्कॉर्पिन क्लास की छठीं और अंतिम पनडुब्बी वागशीर का बुधवार को जलावतरण हुआ। पनडुब्बी का एक साल तक कड़ा परीक्षण और आजमाइश की जाएगी जिससे इसे पूरी तरह युद्ध योग्य बनाया जा सके। यह पनडुब्बी बेहद आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग सिस्टम से लैस है। साथ ही इस डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन में कई घातक हथियार भी लगे हैं। इसके जरिए गाइडेड हथियारों का इस्तेमाल कर दुश्मन पर वार किया जा सकता है। तारपीडो और ट्यूब लांच्ड एंटी शिप मिसाइल के जरिए पानी और सतह दोनों जगहों से हमले किए जा सकते हैं। वागशीर दुश्मन से बचने के लिए अत्याधुनिक स्टेल्थ सुविधाओं से भी लैस है। इसके जरिए सतह के नीचे लड़ाई, एंटी सबमरीन लड़ाई, पानी में बारूदी सुरंगे बिछाने, इलाके की निगरानी करने और खुफिया जानकारी इकठ्ठा करने के काम किए जा सकते हैं। यह पनडुब्बी मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को ध्यान में रखकर बनाई गई है। वीणा अजय कुमार के हाथों पनडुब्बी का जलावतरण हुआ इस दौरान मुख्य अतिथि के रुप में भारत सरकार के रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार भी मौजूद थे। स्कॉर्पिन क्लास की चार पनडुब्बियां कलवरी, खंडेरी, करंज और वेला भारतीय नौसेना में शामिल की जा चुकीं हैं जबकि पांचवीं पनडुब्बी वागीर अभी परीक्षण के चरण में हैं और अब इस चरण की आखिरी पनडुब्बी वागशीर का भी परीक्षण शुरू हो चुका है।
क्या है खासियत
यह पनडुब्बी 50 दिन तक समुद्र के भीतर रह सकती है और 350 फीट गहराई तक जा सकती है। सतह पर यह 20 किलोमीटर प्रति घंटा जबकि पानी के भीतर 37 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है। इस क्लास की पनडुब्बियों के लंबाई 221 फुट, ऊंचाई 40 फुट होती है।
Created On :   21 April 2022 2:15 PM IST