कुपोषण से होने वाली मौतों को लेकर 20 दिसंबर तक पेश करों रिपोर्ट

Submit a report on malnutrition deaths by December 20 - HC
कुपोषण से होने वाली मौतों को लेकर 20 दिसंबर तक पेश करों रिपोर्ट
हाईकोर्ट का निर्देश  कुपोषण से होने वाली मौतों को लेकर 20 दिसंबर तक पेश करों रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मेलघाट सहित राज्य के अन्य आदिवासी इलाकों में कुपोषण से होनेवाली मौत के कारणों व उसे रोकने के उपायो के संबंध में आईपीएस अधिकारी छेरिंग दोरजे को 20 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही खंडपीठ ने अमरावती जिले के मेलघाट में काम करनेवाले गैर सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को भी श्री दोरजे के सामने अपनी बात रखने की छूट दी है। 

इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ को बताया कि डाक्टर दोरजे ने चिखलदरा का दौरा पूरा कर लिया है। फिलहाल वे धारणी के दौरे पर हैं। इससे पहले उन्होंने आदिवासी इलाकों में काम करनेवाले डाक्टर अभय बंग व रानी बंग से मुलाकात की थी। महाधिवक्ता कुंभकोणी ने कहा कि दोरजे अपने निजी कार्य के चलते कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर थे। इस बीच अमरावती, अकोला, जलगांव व नांदेड में कानून व्यवस्था बिगड़ने के चलते वे मेलघाट नहीं जा सके। क्योंकि उन्हें इस इलाकों में कानून व्यवस्था संभालने की भी जिम्मेदारी सौपी गई थी।

अब राज्य के पुलिस महानिदेशक ने उन्हें रिपोर्ट तैयार करने के लिए छुट्टी दी है। दोरजे को मेलघाट से जुड़ी अपनी रिपोर्ट तैयार करने में तीन सप्ताह का समय लगेगा। क्योंकि वे गहराई से मेलघाट के इलाके का निरीक्षण कर रहे हैं। आईपीएस अधिकारी के अलावा श्री दोरजे एक योग्य डाक्टर भी हैं। दोरजे ऐसे राज्य से आते हैं जहां काफी आदिवासी आबादी है। ऐसे में एक पुलिस अधिकारी व डाक्टर होने के नाते दोरजे की रिपोर्ट से मेलघाट में कुपोषण के चलते होने वाली मौत व आदिवासी इलाकों की स्थिति की सही तस्वीर देखने को मिल सकेंगी। इसके मद्देनजर हाईकोर्ट ने चार अक्टूबर 2021 को आईपीएस अधिकारी दोरजे को मेलघाट में कुपोषण व स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते होनेवाली मौत के कारणों व उपायों का पता लगाकर एक रिपोर्ट सौपने का निर्देश दिया था। 

हाईकोर्ट ने यह निर्देश डाक्टर राजेंद्र बर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में मेलघाट व अन्य आदिवासी इलाकों मे कुपोषण व स्वास्थ्य सेवाओं की कमी तथा डाक्टर के अभाव में होनेवाली मौत के मुद्दे को उठाया गया है। 

Created On :   29 Nov 2021 9:03 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story