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बड़े उद्योगपतियों के लिए फिर से बहाल हो गई सब्सिडी, हवाई मार्ग से जुड़ेगा कोंकण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के विदर्भ, मराठवाडा व खानदेश के उद्योगों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी शिकायतों के बाद रोक दी गई थी, लेकिन इस बीच गुपचुप तरीके से सब्सिडी बहाल कर दी गई है। इस पर राज्य के वित्त विभाग ने नाराजगी जताई है। वित्त विभाग का कहना है कि बिजली विभाग के 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादे के बिल बकाया हैं। बकाया बिजली बिलों की वसूली की बजाय ऊर्जा विभाग सब्सिडी बांटने में व्यस्त है। मामले की शिकायत करने वाले उद्योगपतियों का कहना है कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है। जो सब्सिडी का लाभ ले रहे थे उन्हें फिर से सरकार सब्सिडी दे रही है, जबकि गलत तरीके से सब्सिडी लेने वाले उद्योगपतियों से सरकार को वसूली करना चाहिए था। दरअसल राज्य की पिछली फडणवीस सरकार के दौरान तत्कालीन ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इन इलाके की इंडस्ट्रीज को बिजली दरों में रियायत देने की नीति लागू की थी। इस पर सालाना 1200 करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं। यह बात सामने आई है कि इस नीति का लाभ केवल कुछ बड़ी इंडस्ट्री वाले ही उठा रहे हैं। इस क्षेत्र में करीब 7500 के आसपास कारखाने हैं, लेकिन बिजली सब्सिडी योजना का लाभ केवल 15 कारखाना मालिक उठा रहे हैं। साल 2020-21 के लिए आवंटित 1,200 करोड़ रुपये 20 दिसंबर 2020 तक सब्सिडी देने में खत्म हो गए। जिसमें से 15 कारखाना मालिकों ने 750 करोड़ रुपये का फायदा लिया। जबकि बाकी के 450 करोड़ रुपये में हजारों कारखाना मालिकों को थोड़ी बहुत सब्सिडी मिल सकी। इसकी शिकायत करने वाले एड. विनोद सिंह कहते हैं कि कुल सब्सिडी में से महज 15 उद्योगपति 65 प्रतिशत रकम ले रहे हैं जिससे अन्य उद्योगपतियों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब हालात ऐसे बन गए हैं कि उस क्षेत्र से उद्योगपति पलायन करने लगे हैं। इस पूरे मामले को लेकर एडवोकेट सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार सहित सभी संबंधित विभागों में शिकायत की है। समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई से पहले बहाल हो गई सब्सिडी बिजली सब्सिडी में अनियमितता की शिकायत के बाद ऊर्जा विभाग ने सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति को खामियों को दूर कर सभी उद्योगों को सब्सिडी का लाभ देने को लेकर सिफारिश करनी थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी है। समिति की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई होने से पहले ही रुकी ही सब्सिडी बांट दी गई है। सब्सिडी की लूटपाट उजागर करने वाले शिकायतकर्ता एडवोकेट विनोद सिंह की माने तो इसमे भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने सवाल किया कि रिपोर्ट की संपूर्ण समीक्षा के बिना सब्सिडी कैसे बहाल की जा सकती है? उल्टे हमने तो पत्र दिया था कि जिन लोगों को गलत तरह से सब्सिडी दी गई है उनसे रकम वापस ली जाए पर उनसे वसूली की बजाय उन्हें फिर से सब्सिडी का लाभ दे दिया गया है।
भर्ती के लिए एमपीएससी को मांग, पत्र न भेजने के मामले को लेकर सरकार हुई गंभीर
इसके अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार के कुछ विभागों की ओर से अधिकारियों की भर्ती के लिए महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) के पास मांग पत्र न भेजने के मामले को गंभीरता से लिया है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ने एमपीएससी के जरिए सरल सेवा भर्ती के लिए सभी विभागों के सचिवों को 30 सितंबर तक आयोग के पास मांग पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के सचिव मंजूर पदों की समीक्षा तत्काल करके मांग पत्र आयोग के पास भेजें। इसी बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए।
कम टीकाकरण वाले जिलों में गति बढ़ाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में जिन जिलों में कोरोना का कम टीकाकरण हुआ है वहां पर टीकाकरण की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में 21 सितंबर तक लगभग 36 लाख कोरोना का टीका बचा हुआ था। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण के कारण कोरोना की तीव्रता कम होती है। इसके अलावा मृत्यु का प्रमाण भी नगण्य है। इसको ध्यान में रखते हुए टीकाकरण बड़े पैमाने पर किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मरीजों की संख्या कम हो रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के नियमों का पालन करने में कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
अब हवाई मार्ग से जुड़ जाएगा कोंकण
इससे पहले घोषणा की गई कि राज्य का कोंकण इलाका अब देशभर से हवाई मार्ग से जुड़ सकेगा। आगामी 9 अक्टूबर को सिंधुदुर्ग एयरपोर्ट से उड़ान सेवा शुरु होगी। अलायंस एयर आगामी 9 अक्टूबर से मुंबई से सिंधुदुर्ग के बीच फ्लाईट शुरु करेगी। अलायंस एयर के क्षेत्रीय समन्वयक अली अब्बास आबिदी ने बताया कि इससे महाराष्ट्र का कोंकण इलाका भारत के एयर मानचित्र पर आ सकेगा। उन्होंने बताया एलाएंस एयर की फ्लाईट मुंबई से सुबह 11.55 बजे उड़ान भरेगी और दोपहर 1.35 बजे सिंधुदुर्ग एयरपोर्ट पहुंचेगी। वापसी की फ्लाईट सिंधुदुर्ग से दोपहर 1.25 बजे उड़ान भरेगी और दोपहर 2.50 बजे मुंबई पहुंचेगी। मुंबई-सिंधुदुर्ग फ्लाईट का किया 2520 रुपए और सिंधुदुर्ग-मुंबई फ्लाईट के लिए 2621 रुपए बतौर किराया देने होंगे। श्री आबिदी ने कहा कि सिंधुदुर्ग पर्यटन स्थल है। यहां विमान सेवा शुरु होने से इस इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा। फिलहाल सड़क मार्ग से यहां पहुंचने में साढे 9 घंटे लगते हैं जबकि विमान से यह दूरी सिर्फ 1 घंटे 25 मिनट में तय हो सकेगी।
नवंबर से शुरु होगी कपास की खरीदारी
प्रदेश में किसानों से कपास की खरीदी नवंबर महीने के पहले सप्ताह में शुरू की जाएगी। राज्य में कपास खरीद केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। प्रदेश के सहकारिता तथा विपणन मंत्री बालासाहब पाटील ने कपास खरीदी के लिए उचित नियोजन के निर्देश दिए हैं। बुधवार को मंत्रालय में फसल सीजन 2021-22 की कपास खरीदी की तैयारी को लेकर बैठक हुई। पाटील ने बताया कि राज्य में खरीफ फसल सीजन 2021-22 में 39.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई हुई है। जबकि पिछले साल 42.08 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई की गई थी। पिछले साल की तुलना में कपास की बुवाई 6.44 प्रतिशत कम हुई। इस साल कपास की फसल संतोषजनक है। इससे राज्य में कपास का उत्पादन 80 से 84 लाख गांठ होने का अनुमान है। पाटील ने कहा कि जिन तहसीलों में कपास की बुवाई अधिक हुई है वहां पर प्रत्यक्ष खरीदी जल्द शुरू करने की तैयारी करें। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए खरीद प्रक्रिया पूरी की जाए। पाटील ने कहा कि खरीद केंद्रों पर नवंबर से कपास खरीदी के लिए सभी मशीनरी को कार्यरत करें। खरीद केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएं।
31 मार्च 2022 तक आयोजित कर सकेंगे एजीएम
प्रदेश के सभी सहकारी संस्थाओं की वार्षिक आम सभा (एजीएम) की बैठक आयोजित करने की अवधि 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके लिए महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम में संशोधन करने संबंधी अध्यादेश जारी किया जाएगा। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार सहकारी संस्था अधियनियम की धारा 65 के प्रावधानों के अनुसार मुनाफे के विनियोग का अधिकार संस्था के निदेशक मंडल को दिया गया है। जबकि धारा 75 में संशोधन करके सभी सहकारी संस्थाओं को वार्षिक आम सभा आयोजित करने की अवधि 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है। वार्षिक आम सभा बुलाने की अवधि बढ़ाई गई है। इससे संस्था की बची हुई राशि को खर्च करने का अधिकार और लेखा परीक्षक की नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मंजूरी का अधिकार निदेशक मंडल के पास रहेगा। कोरोना महामारी के कारण एजीएम बुलाने में परेशानी हो रही है। इस लिए सरकार ने अवधि बढ़ाई है।
ओबीसी आरक्षण वाले अध्यादेश में संशोधन करेगी सरकार
राज्य के स्थानिय निकायों में ओबीसी आरक्षण बहाल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश में खामियों की चलते राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। इसको देखते हुए बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि राज्यपाल के निर्देश के अनुसार इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार के लिए इसे फिर से मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया जाएगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से राज्य के स्थानिय निकायों में ओबीसी आरक्षण समाप्त हो गया है। इसे बहाल करने के लिए राज्य सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है। इस अध्यादेश को राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए राजभवन भेजा गया था लेकिन इसमें कानूनी खामियों का हवाला देते हुए राज्यपाल ने राज्य सरकार से जवाब मांगा। सूत्रों के अनुसार राज्य के विधि व न्याय विभाग ने भी कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है, इस लिए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की अनुमती जरुरी है। बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि इस बात का ध्यान रखते हुए ओबीसी आरक्षण कायम रखा जाएगा कि कुल आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा न हो। कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश में संशोधन को मंजूरी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अधीन रहते हुए अध्यादेश जारी किया जाएगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह अध्यादेश अदालत के फैसले के तहत होगा इस लिए इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेने की जरुरत नहीं होगी।
Created On :   23 Sept 2021 7:14 PM IST