अचानक बढ़ गई है निर्दलीय विधायकों की पूछ, राज्यसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव में चांदी

Sudden increase in the respect of independent MLAs in Maharashtra, after the Rajya Sabha elections
अचानक बढ़ गई है निर्दलीय विधायकों की पूछ, राज्यसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव में चांदी
महाराष्ट्र अचानक बढ़ गई है निर्दलीय विधायकों की पूछ, राज्यसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव में चांदी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। महाराष्ट्र विधानसभा के निर्दलीय विधायकों के अच्छे दिन आते दिखाई दे रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के बाद राज्य में अब अगले डेढ़ महीने के भीतर विधान परिषद की 10 सीटों, राष्ट्रपति पद और विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे। इसके मद्देनजर प्रदेश में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी और विपक्षी दल भाजपा छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में करने की जुगत में है।  इसको लेकर सत्ताधारी और भाजपा के बीच रस्साकशी शुरू है। दोनों ओर से अचानक निदर्लीय विधायकों की पूछ परख बढ़ गई है। महाराष्ट्र में 13 निदर्लीय विधायकों के अलावा छोटे दलों के 16 विधायक हैं। इनकी कुल संख्या 29 तक पहुंचती है। महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने महाविकास आघाड़ी को समर्थन देने का दावा करने वाले निर्दलीयों को तोड़कर बड़ा उलट फेर किया था। 

इससे अब विधान परिषद चुनाव में महाविकास आघाड़ी के सामने इस झटके से उबरने की चुनौती है। क्योंकि अगले डेढ़ महीने में तीन ऐसे चुनाव होंगे जहां पर छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। महाराष्ट्र में विधान परिषद की 10 सीटों पर 20 जून को मतदान होगा। इसके बाद 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद का चुनाव होगा। विधानमंडल के मानसून सत्र में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होने वाला है। महाराष्ट्र में लंबे समय बाद ऐसा मौका आया है जब छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों का महत्व अचानक बढ़ गया है। विधान परिषद का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होगा। यदि राष्ट्रपति चुनाव निर्विरोध नहीं होगा तो उसमें भी मतदान की नौबत आएगी। राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं को मतपत्र दिखाना प्रतिबंधित है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव गुप्त मतदान के बजाय खुला मतदान प्रक्रिया अपनाने के लिए सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। इसको लेकर भाजपा आरोप लगा चुकी है कि महाविकास आघाड़ी को अपने विधायकों पर विश्वास नहीं है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव खुले मतदान से कराने के लिए नियम बदले गए हैं। आगामी तीनों चुनावों को देखते हुए महाविकास आघाड़ी को छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों को साधे रखने के लिए काफी जोर आजमाइश करनी पड़ेगी। 

आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा विधायकों की नाराजगी का असर- देवेंद्र भुयार 

राज्यसभा चुनाव को लेकर चर्चा में आए अमरावती के मोर्शी सीट से विधायक देवेंद्र भुयार ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि मैंने राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के उम्मीदवार को वोट डाला। इसके बावजूद शिवसेना सांसद संजय राऊत ने मुझ पर पाला बदलने का आरोप लगाया। मुझे दुख है कि महाविकास आघाड़ी के साथ होने के बावजूद हमें निष्ठा साबित करनी पड़ रही है। भुयार ने कहा कि राऊत के बयान से सत्ताधारी तीनों दलों को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक नाराज हैं। निर्दलीय विधायकों की नाराजगी का असर निश्चित रूप से आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा। भुयार ने कहा कि हालांकि मैंने विधान परिषद चुनाव में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवारों को वोट देने का फैसला किया है। लेकिन कई विधायक ऐसे हैं जो महाविकास आघाड़ी के नेताओं के रवैये से नाराज हैं। भुयार ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी नाराजगी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर है। क्योंकि मुख्यमंत्री विधायकों को मुलाकात करने के लिए समय नहीं देते हैं। इस कारण हम लोग मुख्यमंत्री के सामने विदर्भ की समस्याओं को नहीं रख पाते हैं। विदर्भ की समस्याओं की अनदेखी हो रही है। भुयार ने कहा कि मैंने राज्यसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा है। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने मुझसे मुलाकात के लिए समय नहीं दिया है। 

फिलहाल छोटे दलों और निर्दलीयों की स्थिति 

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 55, राकांपा के 53, कांग्रेस के 44 और भाजपा के 106 विधायक हैं। बहुजन विकास आघाड़ी के 3, समाजवादी पार्टी के 2, एमआईएम के 2, प्रहार जनशक्ति पक्ष के 2, राष्ट्रीय शेतकरी पक्ष के 1, राष्ट्रीय समाज पक्ष के 1, जनसुराज्य शक्ति पक्ष के 1, स्वाभिमानी पक्ष के 1, शेतकरी कामगार पक्ष के 1, माकपा के 1, मनसे के 1 विधायक हैं। जबकि निर्दलीय 13 विधायक हैं। वहीं शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण एक सीट रिक्त है।  

कब कितने निर्दलीय पहुंचे विधानसभा में

विधानसभा चुनाव         निर्वाचित हुए निर्दलीय  

साल 1962                       15 
साल 1967                       16
साल 1972                       23
साल 1978                       28 
साल 1980                       10
साल 1985                       20      
साल 1990                       13
साल 1995                       45
साल 1999                       12
साल 2004                       19
साल 2009                       24 
साल 2014                        7
साल 2019                       13 
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Created On :   14 Jun 2022 8:45 PM IST

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