सुप्रीम कोर्ट : शिक्षा और नौकरियों में मराठा आरक्षण पर रोक

Supreme court: ban on Maratha reservation in education and jobs
सुप्रीम कोर्ट : शिक्षा और नौकरियों में मराठा आरक्षण पर रोक
सुप्रीम कोर्ट : शिक्षा और नौकरियों में मराठा आरक्षण पर रोक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण मामले को अब बड़ी बेंच को सौंप दिया है। साथ ही साल 2020-21 के लिए नौकरियों और कॉलेज दाखिलों में आरक्षण पर रोक लगा दी है। हालांकि पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में जो दाखिले हुए हैं, उनमें आरक्षण बरकरार रहेगा। तीन जजों एल नागेश्वरराव, हेमंत गुप्ता और एस रवींद्र भट की पीठ ने बुधवार को मामले पर अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया कि बड़ी बेंच मामले पर जब तक सुनवाई नहीं करती है, तब तक नौकरियों और कॉलेज दाखिलों में आरक्षण नहीं होगा। अब यह मामला मुख्य न्यायाधीश के समक्ष यह मुद्दा रखा जाएगा कि क्या राज्य इंद्रा साहनी मामले के फैसले के मुताबिक 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को पार सकते हैं। बीते गुरुवार को इसी मुद्दे पर सुनवाई हुई थी और पक्षकारों ने इस मसले को 11 जजों की बेंच को भेजने की मांग उठाई थी, क्योंकि इंद्रा साहनी का मामला 9 जजों की बेंच द्वारा निर्धारित किया गया था। वहीं प्रतिपक्ष ने मामले को बड़ी बेंच को भेजने का जोरदार विरोध किया था। जिसके बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, मामले के मुख्य हस्तक्षेपकर्ता कपिल सिब्बल सहित अभिषेक मनु सिंघवी और चंदर उदय सिंह ने इस संदर्भ के पक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए थे। महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी और कपिल सिब्बल ने तर्क रखते हुए कोर्ट से निवेदन किया था कि 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का मामला बड़ी बेंच को भेजा जाना चाहिए। रोहतगी ने कहा था कि मंडल आयोग की रिपोर्ट ने 20 वर्षों की अवधि के बाद समीक्षा की आवश्यकता बताई थी, लेकिन इसे 30 साल हो गए है।

गौरतलब है कि 28 नवबंर 2018 को महाराष्ट्र सरकार ने सामाजिक और शैक्षणिक रुप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम पारित कर राजनीतिक रुप से प्रभावशाली मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में 16 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था। जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसकी वैधता को बरकरार रखा था। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में देने वाली याचिका में कहा गया था कि यह कानून इंद्रा साहनी मामले निर्धारित सिद्धांतो का उलंलघन करता है, जिसके अनुसार शीर्ष अदालत ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत कर दी थी
 

Created On :   9 Sept 2020 7:37 PM IST

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