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12 विधायकों के निलंबन की कार्रवाई की तर्कसंगतता पर उठाए सवाल, आज भी जारी रहेगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित करने के फैसले की तर्कसंगतता पर सवाल उठाए। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने विधायकों पर की गई कार्रवाई का जोरदार समर्थन किया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सदन द्वारा की गई निलंबन की कार्रवाई को उद्देशहीन और तर्कहीन बताया है, क्योंकि पिछले 6 माह से निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हुआ है। शीर्ष अदालत मामले पर बुधवार को भी सुनवाई जारी रखेगी। जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ के समक्ष हुई सुनवाई में मंगलवार को राज्य सरकार ने मामले पर अपनी दलीले पूरी की। बुधवार को निलंबित विधायकों की ओर से दलील रखी जाएगी। राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए सदन के संवैधानिक अधिकार और सदन द्वारा दिए गए दंड की मात्रा की जांच के मुद्दे पर दलील रखी। इसके लिए उन्होंने इसके पहले हुई कार्रवाई और फैसलों का हवाला देते हुए विधायकों के अपमानजनक व्यवहार के लिए की गई कार्रवाई का भी समर्थन किया। पीठ ने सुंदरम की दलील को सुनने के बाद कहा कि असल मुद्दा निर्णय की तर्कसंगतता के बारे में है और वह किसी उद्देश के लिए होना चाहिए, लेकिन इसमें कुछ उद्देश्य या कोई जबरदस्त कारण नहीं दिखता।
इससे पहले बीते 11 जनवरी को हुई सुनवाई में पीठ ने कहा था कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार किसी निर्वाचन क्षेत्र को 6 महीने से अधिक की अवधि तक बिना प्रतिनिधित्व के नहीं रखा जा सकता। संबंधित नियमों के अनुसार विधानसभा के पास किसी सदस्य को 60 दिनों से अधिक निलंबित करने का कोई अधिकार नहीं है। गौरतलब है किमानसून सत्र के दौरान विधानसभा के पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ अपमानजनक और दुर्व्यवहार करने के आरोप में 6 जुलाई 2021 को महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित किया गया था। निलंबित किए गए 12 भाजपा विधायकों में आशीष शेलार, गिरिश महाजन, अभिमन्यु पवार, अतुल भातखलकर, नारायण कुचे, संजय कुटे, पराग अलवणी, राम सातपुते, हरीश पिंपले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, कीर्ति कुमार बागडिया के नाम शामिल है।
Created On :   19 Jan 2022 4:27 PM IST