सुप्रीम कोर्ट पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को राहत नहीं, याचिका पर विचार करने से इंकार

Supreme Court refuses to consider the petition of former police commissioner Parambir Singh
सुप्रीम कोर्ट पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को राहत नहीं, याचिका पर विचार करने से इंकार
सुप्रीम कोर्ट पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को राहत नहीं, याचिका पर विचार करने से इंकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की उस याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ महाराष्ट्र में दर्ज सभी आपराधिक मामलों को सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने सुनवाई के दौरान शुरु में ही कहा कि वह सभी एफआईआर के संबंध में एक व्यापक आदेश पारित नहीं कर सकती और याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने और बॉम्बे हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी। हालांकि, अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने परमबीर सिंह के लिए विस्तृत तर्क दिए, लेकिन पीठ इस मामले पर विचार करने के लिए अनिच्छुक थी।

कांच के घरों में रहने वाले लोगों को पत्थर नहीं फेंकना चाहिए

अदालत ने परमबीर सिंह के इस रुख पर कड़ी आपत्ती जताई कि उन्हें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘आप 30 साल तक महाराष्ट्र कैडर का हिस्सा थे और इसकी सेवा की। अब आप कह रहे हैं कि आपको उस प्रणाली में विश्वास नहीं है। यह चौंकाने वाला है’। अदालत ने कहा कि कांच के घरों में रहने

वाले लोगों को पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।

अदालत ने जेठमलानी से पूछा कि आपके पास आपराधिक कानून का अनुभव है। क्या वास्तव में आपके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है? हम सभी प्राथमिकी से निपट नहीं रहे हैं। इससे निपटने के लिए अलग-अलग मजिस्ट्रेट हैं। इस दौरान जस्टिस गुप्ता ने कहा, एक कहावत है कि शीशें के घरों में रहने वाले लोगों को पत्थर नहीं फेंकना चाहिए। जेठमलानी ने इस टिप्पणी का विरोध किया और कहा कि यह पीठ की पूर्वाग्रहपूर्ण मानसिकता को दर्शाती है। एक अन्य पुलिस अधिकारी भीमराज घाडगे ने भी सिंह के खिलाफ दायर मामलों को केन्द्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित करने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया था। इसमें कहा गया था कि इस उद्देश के लिए सिंह द्वारा दायर रिट याचिका कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। अधिवक्ता विपिन नायर के माध्यम से दायर आवेदन में कहा गया है कि सिंह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिट दाखिल करके मामलों के हस्तांतरण की मांग नहीं कर सकते हैं, जब उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट से सुरक्षा मिल रही है। सिंह ने उनके खिलाफ मामला स्थानांतरित करने की मांग के अलावा 17 मार्च को राज्य द्वारा पारित आदेश को भी चुनौती दी गई थी, जिसमें सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त पद से स्थानांतरित किया गया था, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन था। 

Created On :   11 Jun 2021 9:00 PM IST

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