सुप्रीम कोर्ट अब शिवसेना के दो खेमों के बीच विवाद पर 27 सितंबर को करेगा सुनवाई

Supreme Court will now hear the dispute between the two Shiv Sena camps on September 27
सुप्रीम कोर्ट अब शिवसेना के दो खेमों के बीच विवाद पर 27 सितंबर को करेगा सुनवाई
संवैधानिक पीठ सुप्रीम कोर्ट अब शिवसेना के दो खेमों के बीच विवाद पर 27 सितंबर को करेगा सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता और निष्कासन के साथ चुनाव चिन्ह से संबंधित मामले पर अब 27 सितंबर को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट को अगली सुनवाई में यह तय करना है कि जब तक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं कर लेता, चुनाव आयोग शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर फैसला कर सकता है या नहीं? जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बनी 5 जजों की संवैधानिक पीठ के समक्ष बुधवार को पहली बार स्पीकर/डिप्टी स्पीकर और राज्यपाल की विभिन्न कार्रवाईयों को चुनौती देने वाली शिवसेना के दोनों समूहों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान संवैधानिक पीठ ने पक्षकारों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह आज उन अंतरिम आवेदनों पर कोई आदेश पारित नहीं करेगा, जिसमें असली शिवसेना के रुप में दावे किए है। इस पर कोर्ट 27 सिंतबर को विचार करेगा। दोनों पक्षकारों के वकीलों की दलील सुनने के बाद बेंच ने उनसे कहा कि वे अगली सुनवाई के लिए अपनी ऊर्जा संरक्षित करें। इस दौरान पीठ ने चुनाव आयोग समेत सभी पक्षों को संक्षिप्त में लिखित दलीलें दाखिल करने को भी कहा है।

जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो शिंदे गुट के वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि चुनाव आयोग को निर्णय लेने से नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने इस दौरान मुंबई महापालिका के आसन्न चुनावों का भी हवाला दिया। वकील कौल ने पीठ को बताया कि तत्कालीन सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने चुनाव आयोग के खिलाफ कोई रोक का आदेश नहीं दिया है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसी दिन कार्यवाही का हवाला देते हुए कहा कि पीठ ने मौखिक रूप से चुनाव आयोग को कोई प्रारंभिक कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा था। उन्होंने 3 अगस्त के आदेश का उल्लेख किया, जिसमें उद्धव गुट को चुनाव आयोग से समय मांगने की स्वतंत्रता दी गई थी। साथ ही चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट में मामले के लंबित होने के चलते स्थगन अनुरोध पर विचार करने के लिए कहा था।       

उद्धव गुट की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि अयोग्य सदस्य चुनाव आयोग से संपर्क नहीं कर सकते। चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि यदि चुनाव चिन्ह आदेश के तहत कोई शिकायत है तो चुनाव आयोग के पास इस पर निर्णय लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसके बाद बेंच ने अगली सुनवाई 27 सितंबर को मुकर्रर करते हुए वकीलों से कहा कि वे इस दिन की सुनवाई के लिए अपनी ऊर्जा संरक्षित करें। 
 

Created On :   7 Sept 2022 10:17 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story