सर्वे में खुलासा : शहडोल के आसपास कोयले का अकूत भंडार

Surveys have revealed that there is adequate stock of coal in Shahdol
सर्वे में खुलासा : शहडोल के आसपास कोयले का अकूत भंडार
सर्वे में खुलासा : शहडोल के आसपास कोयले का अकूत भंडार

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में कोयले का पर्याप्त मात्रा में भंडार मौजूद है। सर्वे में इस बात का खुलासा होने के बाद जल्द की इन क्षेत्रों में खनन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यहां पहले से तो एसईसीएल की लगभग 10 कोयला खदानें संचालित हैं अब आगे भी सर्वे का काम जारी रहेगा। कोल इंडिया की सहायक संस्था सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट पिछले कुछ वर्षों से सर्वे कार्य कर रहा है। अब तक 40 वर्ग किलोमीटर अंतर्गत 100 से भी अधिक गावों के आसपास सर्वे किया जा चुका है। जहां भारी मात्रा में कोयले का भंडार मिला है।

आगामी वर्षो में इन सभी स्थानों पर कोयला उत्खनन हेतु भूमिगत खदानें खुलने की संभावना है। गौरतलब है कि शहडोल के आसपास के गांवों में 150 मीटर से 200 मीटर की गहराई में कोयले का भंडार पाया जाता है। इन क्षेत्रों में अधिकांशत: कोयले की मोटी परतें पाई जाती हैं। कुछ गहराई में कोयला मिलने के कारण इन क्षेत्रों में अंडर ग्राउंड खदानें खुलने की संभावना है। ओपेन कास्ट माइन खोलना खर्चीला होगा, क्योंकि मिट्टी हटाने में न केवल समय अधिक लगता है बल्कि संसाधन भी अधिक जुटाने पड़ते हैं।
 

इन गांवों का हुआ सर्वे
जिले के जिन गांवों में अब तक सर्वे किया गया है उनमें सिंहपुर, ऐंताझर, उधिया, फतेहपुर, पंचगाव, पड़मनिया, विचारपुर, अंतरा, केलमनियां, चंदनियां, सलैया, जोधपुर, लमरो, कल्याणपुर, शाहपुर, रौगढ़, पटासी, जरवाही, मैकी, कोटमा, नवलपुर, चापा आदि सहित 100 से भी अधिक गांव हैं। चूंकि क्षेत्र के हर स्थान पर कोयला मिल जाता है इसलिए सर्वे निरंतर जारी है। आगामी समय में यहां के और गांव भी जोड़े जा सकते हैं।

70 साल का है भंडार
जिन क्षेत्रों का सर्वे पूरा कर लिया गया है वहां कोयले का इतना विशाल भंडार है कि 70 साल तक कोयला निकलने का अनुमान लगाया गया है। माना जा रहा है कि कोयला मंत्रालय की अनुमति मिलने और प्रक्रिया पूरी होने पर यहां कुछ ही सालों में नई 4-6 खदानें और भी संचालित हो जाएंगी। सर्वे में फारेस्ट लैंड शामिल नहीं है। केवल खाली पड़ी निजी भूमि या शासकीय राजस्व भूमि पर सर्वे किया जाता है। सीएमपीडीआई सहायक प्रबंधक एसएस तिवारी का कहना है कि सर्वे के बाद एक बार और गहन विश्लेषण किया जाएगा। इसके अलावा कई नई जमीनों का भी सर्वे कार्य किया जाएगा। कोयला मंत्रालय की प्रक्रिया के बाद कार्रवाई पूरी होगी।

Created On :   28 Aug 2017 2:19 PM IST

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