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जलगांव के निलंबित शिक्षण अधिकारी होंगे बर्खास्त
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जलगांव में शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को शालार्थ क्रमांक आवंटित करने में हुई अनियमितता मामले में निलंबित तत्कालीन शिक्षणाधिकारी देवीदास महाजन को बर्खास्त किया जाएगा। विधान परिषद में प्रदेश के स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू ने यह घोषणा की। मंगलवार को सदन में शिवसेना समर्थित सदस्य किशोर दराडे और शिवसेना सदस्य मनीषा कायंदे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए जलगांव समेत नाशिक विभाग में शिक्षकों को गलत तरीके से शालार्थ क्रमांक वितरित करके वेतन में भ्रष्टाचार करने का मुद्दा उठाया था। इस पर राज्यमंत्री कडू ने कहा कि इस मामले की जांच नाशिक विभाग के उपनिदेशक कर रहे हैं। उन्हें दो महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए जाएंगे। यदि उन्होंने दो महीने में रिपोर्ट नहीं दिया तो उपनिदेशक को घर भेज दिया जाएगा। इस दौरान कडू ने कहा कि राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का कीड़ा लग गया है। इस कीडे के समूल रूप से नष्ट किया जाएगा। इसके लिए राज्य के शिक्षा आयुक्त विशाल सोलंकी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी।इस समिति में हर संभाग से एक विधायक को शामिल किया जाएगा। कडू ने कहा किराज्य में कम से कम शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए।
औरंगाबाद के जलसंरक्षण कार्यालय के स्टेशनरी घोटाले की होगी जांच
औरंगाबाद के जलसंरक्षण विभाग के कार्यालय में साल 2017 से 2020 के दौरान फर्जी बिल के आधार पर स्टेशनरी खरीदी मामले की जांच एक महीने में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के जलसंरक्षण मंत्री शंकरराव गडाख ने यह आश्वासन दिया है।
मंगलवार को सदन में शिवसेना सदस्य अंबादास दानवे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया था। दानवे ने कहा कि सामग्री की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के बिल पर जीएसटी क्रमांक एक ही था। फिर भी लाखों रुपए का बिल का भुगतान किया गया। इसके जवाब में गडाख ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए जलसंरक्षण विभाग के डिप्टी इंजीनियर की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति बनाई गई है। यह समिति एक महीने में जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंपेगी। गडाख ने कहा कि औरंगाबाद के जलसंरक्षण विभाग के कार्यालय के लिए तीन सालों में शहर की जय वैष्णवी इंटरप्राइजेज, ओम इंटरप्राइजेज, कांता इंटरप्राइजेज और स्वस्तिक इंटरप्राइजेज जैसी फर्मोंसे 5 लाख 84 हजार रुपए की स्टेशनरी खरीदी की गई थी। इसमें से 2 लाख 52 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। बाकी राशि आपूर्तिकर्ता को अदा नहीं की गई है।
Created On :   28 Dec 2021 8:14 PM IST