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यहां उधारी पर चल रहा स्वच्छ भारत अभियान
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। एक ओर स्वच्छ भारत अभियान पर शासन द्वारा करोडों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। तो दूसरी ओर शौचालय निर्माण करने के बावजूद भी लाभार्थियों को राशि नहीं दी जा रही। वहीं दिए गए लक्ष्य को पूरा भी नहीं किया जा रहा। वर्ष 2016-17 में 6 हजार 495 शौचालयों का निर्माण मनरेगा के तहत करना था। जबकि 4 हजार 727 शौचालय का ही निर्माण हो सका है। वहीं वर्ष 2017-18 में 1 हजार 163 शौचालय का निर्माण का लक्ष्य दिया गया है। इनमें से सिर्फ 45 शौचालयों का निर्माण हो सका है। कहा जा रहा है कि स्वच्छ भारत अभियान कहीं उधारी पर तो नहीं चल रहा है।
लाभार्थियों के खातों में जमा नहीं हुई राशि
बता दें कि खुले में शौच करने वालों के खिलाफ प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है। जिन परिवारों के पास शौचालयों की सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन परिवारों को स्वच्छ भारत अभियान व मनरेगा के तहत शौचालय निर्माण करने के लिए 12 हजार रुपए की राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाती है। जबकि विभाग ने शौचालयों का निर्माण करने वाले लाभार्थियों के बैंक खातों में ही राशि जमा नहीं किए जाने से करोड़ों रुपए शासन पर लाभार्थियों के बकाया है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2016-17 में 6 हजार 495 शौचालयों का निर्माण मनरेगा के तहत करने का लक्ष्य था। जबकि 4 हजार 727 ही शौचालयों का निर्माण हो सका है। वहीं वर्ष 2017-18 में 1 हजार 163 में से सिर्फ 45 ही शौचालयों का निर्माण विभाग ने किया है। इनमें से सैकड़ों ऐसे परिवार है,जो स्वयं के पैसों से शौचालयों का निर्माण कर निधि की राह देख रहे है। ऐसे में वर्ष बीत गया फिर भी लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रशासन ने राशि जमा नहीं की है।
निधि प्राप्त हुई है
मनरेगा के तहत विभिन्न कुशल कार्य किए गए है। हाल ही में शासन ने शौचालय, शौच गड्ढे व सिंचाई कुओं के लिए लगभग 3 करोड़ 84 लाख रुपए की निधि भेजी है। निधि वितरित करने का कार्य शुरू हो चुका है।
(एन.के.भांडारकर, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी मनरेगा)
Created On :   14 May 2018 7:29 AM GMT