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आम चुनाव के लिए महागठबंधन का मंच बनेगा कुमारस्वामी का शपथ ग्रहण
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा को महज ढाई दिन में इस्तीफा दिलवाने से उत्साहित कांग्रेस, अब विपक्षी खेमे को बुलाकर, शक्ति प्रदर्शन करने के मूड में दिखाई दे रही है। यह स्थिति हालांकि, कांग्रेस ने सीएम की कुर्सी बलिदान करके हासिल की है, लेकिन अब वह इसे राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता के एक महत्वपूर्ण मंच का रूप देना चाहती है। सूत्रों के अनुसार यह निर्णय यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी का है, जिनके निर्देश पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा से गठबंधन के लिए बात की थी। सोनिया गांधी के रणनीतिक कौशल का ही नतीजा था कि कर्नाटक कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन अस्तित्व में आया और बीजेपी के विस्तारवादी मंसूबों पर पानी फिरा। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बाद भी विपक्षी दलों के साथ तालमेल की जिम्मेदारी सोनिया गांधी ही उठा रही हैं।
विपक्षी एकता का बनेगा बड़ा मंच
कर्नाटक में जेडीएस नेता कुमारस्वामी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। सन 2019 में होने वाले आम चुनाव के लिए भाजपा के खिलाफ गठबंधन तैयार करने में जुटी कांग्रेस ने विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को बुलाया है। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि 78 सीटें लाने वाली कांग्रेस कर्नाटक में 37 सीटें लाने वाली जेडीएस के मुकाबले, करीब दोगुनी सीट लाकर भी सहयोगी की भूमिका में है। कांग्रेस इस स्थिति को विपक्षी एकता के बड़े मंच का रूप देने की कोशिश में जुट गई है।
राजनीतिक दिग्गजों को दिया न्योता
कांग्रेस ने कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में बीएसपी प्रमुख मायावती, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर, आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, डीएमके नेताओं, राजद नेताओं सहित आरएलडी नेता अजित सिंह को बुलावा भेजा है। कांग्रेस इस अवसर पर सभी क्षेत्रीय दलों के प्रमुखों को जुटा कर तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिशों को भी हतोत्साहित करने का प्रयास कर रही है। विपक्षी दलों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी सोनिया गांधी ने संभाल रखी है।
दिखेगी महागठबंधन की झलक
सन 2019 में होने वाले आम चुनाव के लिए कांग्रेस जिस महागठबंधन की तैयारी कर रही है, उसकी झलक कुमारस्वामी के शपथ समारोह में दिखेगा। कांग्रेस भले ही यहां सीएम पद पाने में सफल न सकी हो, लेकिन भाजपा के खिलाफ इस लड़ाई में जीत हासिल कर उसने बड़ा संदेश दिया है। कर्नाटक में सत्ता पाने का कांग्रेस का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व करना है, इसलिए कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस ने देश के सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है।
Created On :   20 May 2018 3:37 AM GMT