प्रैक्टिस पर पसीना बहाते रहे, बाद में लिस्ट से खेल ही गायब कर दिया , जिप शिक्षा विभाग का अजीब कारोबार

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प्रैक्टिस पर पसीना बहाते रहे, बाद में लिस्ट से खेल ही गायब कर दिया , जिप शिक्षा विभाग का अजीब कारोबार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद स्कूलों में दिवाली के बाद विद्यार्थियों को क्रीड़ा स्पर्धा की प्रैक्टिस कराई जा रही है। ऐन वक्त पर स्पर्धा से वॉलीबॉल, आट्यापाट्या सामूहिक खेल और लंबी कूद व्यक्तिगत खेल हटा दिया गया है। सांस्कृतिक स्पर्धा से भी एकल नृत्य, एकल गीत गायन, नाटिका, वाद्य वादन, वाद-विवाद तथा गीताई पठन कम कर दिया गया है। जिला परिषद शिक्षा विभाग के इस निर्णय से विद्यार्थियाें को निराशा हुई है। 

उम्मीदों पर पानी
जिला परिषद स्कूलों के विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने की दृष्टि से केंद्र स्तर से जिला स्तर पर विविध क्रीड़ा तथा सांस्कृतिक स्पर्धा का आयोजन किया जाता है। स्पर्धा में खेल जाने वाले खेल की दिवाली की छुट्टियों के बाद विद्यार्थियों को प्रैक्टिस कराई जाती है। अपनी जीत सुनिश्चित करने के िलए विद्यार्थी जी-जान लगाकर विविध खेलों की प्रैक्टिस कर रहे हैं। दिसंबर के अंत या जनवरी में जिप के शालेय क्रीड़ा सम्मेलन का आयोजन अपेक्षित है। आयोजन के ऐन मुहाने पर सामूहिक खेल वॉलीबॉल, आट्यापाट्या और व्यक्तिगत खेल लंबी कूद कीड़ा स्पर्धा से गायब कर दिया है। जीत का सेहरा अपने नाम करने के िलए दिवाली से कड़ी मेहनत कर प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों की आशा पर शिक्षा विभाग ने पानी फेर दिया है।

यवतमाल पैटर्न को मंजूरी
नागपुर जिला परिषद हमेशा पांच स्तर पर शालेय क्रीड़ा स्पर्धा का आयोजन करती आई है। केंद्र स्तर, बीट स्तर, तहसील स्तर, विभागीय स्तर और जिला परिषद पर क्रीड़ा स्पर्धा का आयोजन किया जाता है। यवतमाल जिले में केंद्र स्तर, तहसील स्तर आैर जिला स्तर पर क्रीड़ा स्पर्धा का आयोजन किया जाता है। पिछले सप्ताह जिप प्राथमिक शिक्षणाधिकारी चिंतामण वंजारी ने सभी शिक्षक संगठनों के अध्यक्ष और सचिवों की बैठक बुलाकर यवतमाल पैटर्न पर क्रीड़ा स्पर्धा के आयोजन की सहमति ले ली। जिला शिक्षणाधिकारी नागपुर आने से पहले यवतमाल में कार्यरत थे। उन्होंने यवतमाल पैटर्न पर क्रीड़ा स्पर्धा का आयोजन कर बीट स्तर और विभागीय स्तर की स्पर्धा कम कर िदया है। 

जिले तक सीमित स्पर्धा
जिला परिषद की शालेय क्रीड़ा स्पर्धा जिला क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय से संलग्न नहीं रहने के चलते जिले तक सीमित है। विद्यार्थियों को इस स्पर्धा के प्रमाण-पत्र का भविष्य में कोई उपयोग नहीं होता। इस खामी को दूर कर विभाग और राज्य स्तर पर स्पर्धा का आयोजन किया जाना चाहिए। आयोजन के लिए मिलने वाली निधि बहुत ही कम है। इसे बढ़ाकर देना चाहिए।  -धनराज बोड़े, अध्यक्ष, अखिल महाराष्ट्र, शिक्षक संघ, नागपुर जिला

9 लाख रुपए की बचत
जिला परिषद के बजट में केंद्र स्तर पर क्रीड़ा स्पर्धा के लिए 5 हजार, बीट स्तर पर 6 हजार, तहसील स्तर और विभागीय स्तर के लिए 1-1 लाख रुपए और जिला स्तर के लिए 5 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। जिले में 50 बीट और 6 विभाग हैं। बीट स्तर पर होने वाला खर्च 3 लाख रुपए और विभाग स्तर पर 6 लाख रुपए कुल मिलाकर क्रीड़ा स्पर्धा पर जिला परिषद का 9 लाख रुपए निधि की बचत हो रही है। शिक्षणाधिकारी ने केंद्र स्तर पर 5 हजार से बढ़ाकर 6 हजार और तहसील स्तर पर 1 लाख से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए निधि खर्च करने का गट शिक्षणाधिकारियों को पत्र जारी किया है। इस बीच, गट शिक्षणाधिकारियों ने बढ़ाया गया निधि खर्च करने की वित्त विभाग से अनुमति मांगने पर बजट में प्रावधान से अधिक निधि खर्च नहीं करने का जवाब मिलने की जानकारी मिली है।
 

Created On :   6 Dec 2019 12:56 PM IST

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