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स्विमिंग पुल को बना दिया कोविड सेंटर, अब खिलाड़ियों की हो रही आफत
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले में एथलेटिक्स स्विमिंग पुल को ही कोविड सेंटर में तब्दील कर दिया। नियोजन के अभाव में प्रतिभावान खिलाड़ियों के अधूरे सपने तथा खेल के मैदान का विकास कागजों पर सिमट गया है। जिससे “खेलेगा इंडिया तो खिलेगा इंडिया’ की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। खेल के प्रति विद्यार्थियों में आकर्षण तथा रूझान बढ़े। इस उद्देश्य से जिले में क्रीड़ा संकुल का निर्माण किया गया। लेकिन इसे कोविड सेंटर बना देने से खिलाड़ियों को दिक्कतें हो रही है। जिले से प्रतिभावान खिलाड़ी तैयार करने और राज्य और जिलास्तर पर खिलाड़ियों का नाम रोशन करने के लिए यह क्रीड़ा संकुल कारगर सिद्ध हो सकता हैं। खेलों से विद्यार्थियों की प्रतिभा को बढ़ावा देकर उनका कैरियर बनाने में सहायता मिलती है। इस संदर्भ में क्रीड़ा अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक बीते दो वर्षों से खेलोत्तेजक टुर्नामेंट आयोजित नहीं किए गए।
बता दें कि सात वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से गोंदिया के मरारटोली में स्थित जिला क्रीड़ा संकुल की नींव रखी गयी। अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित क्रीड़ा संकुल अधिकारियों और सरकारी मदद की उपेक्षाओं के कारण बदहाल नजर आ रहा है। वैसे तो संकुल में वॉलीबॉल कोट, बैडमिंटन कोट, टेनिस कोट, बॉस्केट बॉल कोट बनवाए गए हैं। लेकिन दो साल से खेलों से संबंधी टूर्नामेंट नहीं होने से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास कमजोर पड़ रहा है।
एथेलेटिक्स स्विमिंग पुल में लगा ऑक्सीजन प्लांट
जिला क्रीड़ा संकुल में एथलेटिक्स स्विमिंग पुल का निर्माण किया गया है। जहां प्रशिक्षकों द्वारा तैराकी के गुर सिखाए जाते हैं। तैराकी सीखने शौकीनों से रजिस्ट्रेशन के तौर पर 200 रुपए तथा प्रतिमाह 600 रुपए की राशि वसूली जाती है। सन 2018-19 में करीब 550 तैराकों के नामों का रजिस्ट्रेशन करवाने की बात सामने आयी है। लेकिन बीते दो वर्षों की बात करे तो संकुल के स्विमिंग पुल को ही प्रशासन ने कोविड सेंटर बना दिया। जहां ऑक्सीजन प्लांट लगा दिए जाने से खिलाड़ियों में निराशा बनी हुई है। वहीं मैदान की मरम्मत, विकास से जुड़े काम, नए संसाधन सुविधाओं का अभाव दिखाई पड़ रहा है।
Created On :   28 Dec 2021 5:16 PM IST