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ओमती नाले से अतिक्रमण हटाने को लेकर दो माह में करो निर्णय
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने जबलपुर नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया है कि ओमती नाले के दोनों तरफ से अतिक्रमण हटाने और मास्टर प्लान-2021 के अनुसार नाले का विकास करने के अभ्यावेदन पर नियमानुसार दो माह में निर्णय किया जाए। डिवीजन बैंच ने इस निर्देश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया है।
यह है मामला
यह जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांतीय संयोजक मनीष शर्मा ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि आठ दशक पूर्व ओमती नाला दरअसल ओमवती नदी हुआ करती थी। जिसका स्वरूप बिगाड़कर नाले में बदल दिया गया। याचिका में कहा गया है कि मास्टर प्लान 2021 में कहा गया कि ओमती नाले के दोनों तरफ 3-3 मीटर की सड़क बनाई जाएगी, ताकि नाले में साफ-सफाई के लिए मशीनें और उपकरण जा सकें। सड़क के बाद तीन-तीन मीटर तक पौधारोपण किया जाएगा। उस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जाएगा।
आवेदन देने के बाद नहीं हटाए अतिक्रमण
अधिवक्ता प्रभात यादव ने तर्क दिया कि नगर निगम की लापरवाही की वजह से ओमती नाले के दोनों तरफ अतिक्रमण हो गया है। इस संबंध में नगरीय प्रशासन और नगर निगम को कई आवेदन दिए गए, लेकिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की गई। डिवीजन बैंच से अनुरोध किया गया कि ओमती नाले के दोनों तरफ से अतिक्रमण हटाए जाएँ और मास्टर प्लान-2021 के अनुसार विकास किया जाए। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने याचिका का निराकरण कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष प्रस्तुत किया।
Created On :   1 Sept 2021 3:01 PM IST