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एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत होगा किसानों की आय दोगुनी करने का कार्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रपुर से कांग्रेस सांसद सुरेश धानोरकर ने मंगलवार को लोकसभा में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे को लेकर सवाल उठाया। प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने एमएसपी गारंटी देने के बारे में सरकार की मंशा को लेकर भी सवाल उपस्थित किया। सांसद ने यह भी जानना चाहा कि सरकार की एमएसपी से संबंधित कमेटी की रिपोर्ट कब तक आएगी? इसके जवाब में केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने सदन में बताया कि सरकार ने ऐसी कई योजनाएं प्रारंभ की है, जिनका लक्ष्य व र्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करनी है और इस दिशा में सरकार काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि इसके लिए चाहे किसान सम्मान निधि का पैसा हो, चाहे किसानों के लिए एमएसपी को 1.5 गुना करने का विषय हो। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा कि इसके द्वारा निश्चित रुप से यह कार्य होगा।
सरकार सोयाबीन के आयात करने को मंजूरी न दें- सांसद जाधव
बुलढाणा से सांसद प्रतापराव जाधव ने मंगलवार को लोकसभा में कोरोना और इस साल बहुत ज्यादा हुई बारिश की वजह से किसानों के हुए नुकसान की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि इस साल सोयाबीन की फसल भले ही कम हो गई है, लेकिन बाजार में सोयाबीन को दाम अच्छे मिलने से किसानों को दो पैसे ज्यादा मिलने की उम्मीद है। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि अगर सोयाबीन के आयात को मंजूरी देने के बारे में वह कोई कदम उठाने जा रही है तो उसे तब तक रद्द किया जाए जब तक किसानों का सोयाबीन बाजार में बिक नहीं जाता।सांसद जाधव ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस बार सोयाबीन को एमएसपी से थोड़ा ज्यादा दाम मिल रहा है, लेकिन पॉल्ट्री फार्म एसोसिएशन ने पशु संवर्धन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला को एक ज्ञापन सौंपकर सोयाबीन का आयात करने की मांग की है। साथ ही सोयाबीन के दाम बाजार में घटाने का आग्रह किया है। सांसद जाधव ने कहा कि किसान पिछले दो साल से परेशानियों का सामना कर रहे है। भारी बारिश के कारण सोयाबीन की फसल कम हो गई है, लेकिन बाजार में सोयाबीन का दाम ज्यादा होने से किसानों को थोड़ा लाभ मिल सकता है। इसलिए सोयाबीन के आयात के बारे में सरकार कोई कदम न उठाए। मार्च के बाद यदि सोयाबीन आयात की जरुरत होगी तो उसके लिए हमारा विरोध नहीं है, लेकिन यदि आज सरकार आयात को मंजूरी देने के बारे में सोच रही है तो बाजार में सोयाबीन के दाम नीचे आ जायेंगे और इससे किसानों का बहुत नुकसान होगा।
Created On :   14 Dec 2021 10:17 PM IST