20 हजार से अधिक सम्पत्तियों से नहीं वसूल पाए टैक्स - सरकार ने दिया था 23 करोड़ रुपये लक्ष्य, वसूल पाए केवल 13 करोड़

Taxes could not be recovered from more than 20 thousand properties - only 13 crore recovered
20 हजार से अधिक सम्पत्तियों से नहीं वसूल पाए टैक्स - सरकार ने दिया था 23 करोड़ रुपये लक्ष्य, वसूल पाए केवल 13 करोड़
20 हजार से अधिक सम्पत्तियों से नहीं वसूल पाए टैक्स - सरकार ने दिया था 23 करोड़ रुपये लक्ष्य, वसूल पाए केवल 13 करोड़

 डिजिटल डेस्क  कटनी । कोरोना संक्रमण के दौर में आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश सरकार द्वारा नगरीय निकायों को अपने आय के संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार से मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति से केवल अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन का ही भुगतान हो पाता है। विकास कार्यों के लिए धन अब नगर निगम को स्वयं जुटाना होगा। इसके लिए टैक्स का टारगेट भी बढ़ा दिया है पर नगर निगम का राजस्व अमला प्रदेश सरकार की मंशा पर खरा नहीं उतर पा रहा है। बीते वित्तीय वर्ष में टारगेट से दस करोड़ रुपये वसूली कम हुई और नगर निगम अपना तय किया लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया। नगरीय प्रशासन विभाग ने 14 करोड़ रुपये लक्ष्य निर्धारित किया था पर वसूली केवल 13 करोड़, 54 लाख ही हो पाई। आलम यह है कि शहर में 50 हजार से अधिक प्रापर्टी हैं लेकिन नगर निगम के खजाने में 21  हजार से ज्यादा सम्पत्तियों का टैक्स ही नहीं पहुंच रहा है। बीते वित्तीय सत्र में तो सम्पत्तिकर एक करोड़ भी नहीं मिल पाया था। रिकार्ड में दर्ज 50 प्रति सम्पत्तियों से टैक्स ही नहीं वसूल पा रहे और दो साल से नई सम्पत्तियां दर्ज नहीं हो रही हैं।
यह है नगर निगम की उपलब्धि
नगर निगम के रिकार्ड पर भरोसा किया जाए तो यहां 45807 सम्पत्तियां दर्ज हैं। दो साल में इनमें कोई इजाफा नहीं हुआ, अर्थात दो साल से नई सम्पत्तियां दर्ज नहीं की गईं। इनमें पांच करोड़, 48 लाख रुपये सम्पत्तिकर की वसूली की गई। जबकि नगरीय प्रशासन विभाग ने सम्पत्तिकर का सात करोड़, 37 लाख रुपये लक्ष्य निर्धारित किया था। वर्ष 2018-19 में नगर निगम ने 21417 सम्पत्तियों से मात्र चार करोड़, 68 लाख रुपये का टैक्स वसूल किया था। नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज 50 प्रतिशत से अधिक
सम्पत्तियों से टैक्स हीं नहीं लिया गया। नगर निगम सूत्रों का कहना है कि सम्पत्तिकर कम मिलने का एक कारण यह भी है कि नगर निगम ने व्यवस्थित तरीके से सम्पत्तियों का सर्वे ही नहीं किया है। जिन भवनों का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है उनसे भी आवासीय दर पर टैक्स लिया जा रहा है।
इनका कहना है
 इस बार कोरोना संक्रमण के कारण टैक्स वसूली प्रभावित हुई है। सम्पत्तिकर, जलकर, स्वच्छता कर की वसूली के लिए डोर टू डोर कचरा कलेक्शन टीम की मदद ली जाएगी और उनके माध्यम से डिमांड नोट भेजे जाएंगे। सभी राजस्व निरीक्षकों एवं सहायक राजस्व निरीक्षकों को टैक्स वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
- असफाक परवेज कुरैशी, प्रभारी निगमायुक्त
 

Created On :   27 Aug 2020 7:10 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story