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निक्षय मित्रों को तैयार कर क्षयरोगियों को दिला रहे मदद
डिजिटल डेस्क, नागपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2025 तक भारत को क्षयरोग (टीबी) मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकारी स्वास्थ्य विभागों के अलावा निक्षय मित्रों की मदद ली जा रही है। जिले के विविध उद्योग समूह, समाजसेवी संस्थाएं, क्लब, स्वयंसेवक, दानदाता आदि को इस अभियान के साथ जोड़ा जाने वाला है। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में क्षयरोग मुक्त भारत अभियान को प्रतिसाद मिल रहा है। इसी महीने की शुरुआत से अब तक जिले में 37 लोगों का पंजीयन कर निक्षय मित्र बनाया गया है। इन मित्रों ने 125 से अधिक मरीजों का साल भर के लिए पालकत्व लिया
है। यह निक्षय मित्र सालभर तक सभी मरीजों को पोषक आहार उपलब्ध कर देंगे।
37 लोगों ने लिया 125 का पालकत्व
क्षयरोग के मामले में देखा गया है कि यदि मरीजों को उपचार के दौरान पोषक आहार नहीं मिला तो उपचार काे सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिलता। यदि मरीजों को पोषक आहार मिलने लगेगा तो वे जल्दी स्वस्थ होंगे। क्षयरोग के अधिकतर मामलों में मरीजों की आर्थिक हालात कमजोर है। इसलिए ऐसे मरीजों को पोषक आहार दिलाने के लिए पालकत्व लेना सामाजिक जिम्मेदारी है। कम से कम एक साल तक उनका पालकत्व लिया जाए और उन्हें पोषक आहार उपलब्ध कराने के लिए निक्षय मित्रों को तैयार किया जा रहा है। निक्षय मित्रों के माध्यम से शहर में 11 लोगों ने 49 मरीज और ग्रामीण में 26 लोगों ने 76 मरीजों का पालकत्व एक साल के लिए स्वीकार किया है। इसमें प्रशासन के अधिकारियों का भी समावेश है। प्रशासन की तरफ से बड़ी संख्या में निक्षय मित्र तैयार किये जाने वाले हैं। इसके लिए प्रयास शुरू है।
समाज में फैली धारणाएं व डर कम होगा
क्षयरोगियों को सार्वजनिक सहायता प्राप्त कर देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री क्षयरोग मुक्त भारत कार्यक्रम अंतर्गत निक्षय मित्र कम्युनिटी सपोर्ट टू टीबी पेशंट उपक्रम शुरू किया है। अभियान अंतर्गत मरीजों का उपचार पूरा करने के लिए मरीजों को मदद दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। मरीजों को मदद दिलाने के लिए विविध उद्योग समूह, समाजसेवी संस्थाएं, क्लब, स्वयंसेवक, दानदाता आदि को आह्वान किया गया है। इससे मरीजों के प्रति सद्भावना का माहौल तैयार होगा। वहीं क्षयरोग को लेकर समाज में फैली धारणाएं व डर कम होगा। इसके साथ ही क्षयरोग को लेकर समाज में जागरुकता का संदेश भी पहुंचेगा। यह उद्देश्य रखा गया है।
5 हजार से अधिक मरीजों का उपचार जारी
जिले में पांच हजार से अधिक मरीजों का उपचार जारी है। क्षयरोगियों का दो चरणों में उपचार किया जा रहा है। पहले चरण में छह महीने की अवधि में मरीज का औषधोपचार होने के बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ा तो उसे एमडीआरटीबी श्रेणी मेें रखा जाता है। इस श्रेणी के मरीज का 18 से 24 महीने तक उपचार किया जाता है। इसमें मरीज को उपचारार्थ 500 रुपए हर महीने दिए जाते हैं। शहर में 3179 और ग्रामीण में 1750 मरीज एमडीआरटीबी श्रेणी के हैं। उन्हें पोषक आहार व अन्य तरह की मदद की आवश्यकता होती है। इसलिए विविध उद्योग समूह, समाजसेवी संस्थाएं, क्लब, स्वयंसेवक, दानदाता आदि से मदद ली जा रही है। जिला क्षयरोग कार्यालय ने क्षयरोगियों की मदद के लिए सभी को आगे आकर एक साल तक पालकत्व स्वीकार करने का आह्वान किया है।
Created On :   25 Sept 2022 5:59 PM IST