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चुनावी कार्य से शिक्षकों ने मांगा छुटकारा, नहीं पहुंचे प्रशिक्षण में
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आगामी विधानसभा चुनाव के चलते मतदाता सूची का पुर्ननिरीक्षण और मतदाता जांच अभियान के लिए बीएलओ के रूप में हुई नियुक्ति रद्द करने की मांग को लेकर हिंगना तहसील कार्यालय में मौजूद करीब 300 से अधिक शिक्षकों ने उपविभागीय अधिकारी इंदिरा चौधरी व तहसीलदार संतोष खांडरे को निवेदन देने का प्रयास किया। लेकिन उनका निवेदन स्वीकार नहीं किया गया। फलस्वरुप तहसील कार्यालय में आयोजित साहित्य वितरण व प्रशिक्षण शिविर में भी शिक्षक नहीं पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले 17 सितंबर को हिंगना विधानसभा चुनाव निर्णय अधिकारी ने जिला परिषद और निजी स्कूल के शिक्षकों को बीएलओ के तौर पर नियुक्ति पत्र दिए थे। साथ ही शुक्रवार को साहित्य वितरण व प्रशिक्षण शिविर में उपस्थित रहने के आदेश भी दिए थे। लेकिन शुक्रवार को सभी शिक्षक तहसील कार्यालय में पहुंचने के बावजूद भी प्रशिक्षण में नहीं जाते हुए उनकी नियुक्ति का आदेश रद्द करने की मांग काे लेकर डटे रहे।
शिक्षकों का कहना है, कि इससे पहले मतदाता पंजीकरण व जांच-पड़ताल कार्य में अनुभव के आधार पर बीएलओ का कालावधि बढ़ाई गई है। इसके अलावा यह समय शालेय अध्ययन व शैक्षणिक कार्य के लिए महत्वपूर्ण होने से मुहिम में काम करना असंभव है। मतदाता सूची का कार्य शिक्षकों ने न कराते हुए अांगनवाड़ी सेविका, पटवारी, लेखपाल, ग्रामसेवक, ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता, पोस्टमैन, आशा वर्कर, स्वास्थ्य सेवक से लिए जाने का निवेदन उपविभागीय अधिकारी इंदिरा चौधरी व तहसीलदार संतोष खांडरे को देने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ने शिक्षकों का निवेदन स्वीकार नहीं करने की जानकारी मिली है। शिक्षकों में प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये से खासी नाराजगी व्याप्त है।
शिक्षकों पर होंगी एफआईआर
तहसील कार्यालय में आयोजित बीएलओ साहित्य वितरण व प्रशिक्षण शिविर में शामिल नहीं होने वाले सभी शिक्षकों को नोटिस दिया गया है। इसके अलावा चुनावी कार्य से इंकार करने वाले सभी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। संतोष खांडरे, तहसीलदार तथा चुनाव निर्णय अधिकारी, हिंगना
Created On :   21 Sept 2019 1:28 PM IST