डेली लेसन प्लान तैयार करने से शिक्षकों को मिली मुक्ति, शिक्षक संगठन लंबे समय से कर रहा था विरोध

Teachers get freedom from preparing the daily lesson plan
डेली लेसन प्लान तैयार करने से शिक्षकों को मिली मुक्ति, शिक्षक संगठन लंबे समय से कर रहा था विरोध
डेली लेसन प्लान तैयार करने से शिक्षकों को मिली मुक्ति, शिक्षक संगठन लंबे समय से कर रहा था विरोध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश के स्कूली शिक्षकों को अब "डेली लेसन प्लान" तैयार करने से मुक्ति मिल गई है। महाराष्ट्र स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एमएससीईआरटी) ने इस नियम को रद्द कर दिया है। दरअसल, अब तक स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को ‘डेली लेसन प्लान’ तैयार करना होता था, जिसमें कक्षा में पढ़ाए गए विषय को पढ़ाने और उससे हुए फायदे का उल्लेख किया जाता था। शिक्षकों को हर वर्ष इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी स्कूल में जमा करानी होती थी। ऐसा करना सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य था। शिक्षक संगठन लंबे समय से इसका विरोध कर रहे थे। शिक्षकों का तर्क था कि हर विद्यार्थी हर विषय को अलग-अलग तरीके से समझता है।  

प्लान जमा करने की सख्ती

विद्यार्थियों के अनुरूप शिक्षकों को अपनी अध्यापन शैली विकसित करनी पड़ती है। केवल ‘डेली लेसन प्लान’ तैयार करने के लिए किसी एक प्रकार की शैली मंे बंध कर अध्यापन नहीं किया जा सकता। साथ ही डेली लेसन की जो वार्षिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, वह भी प्रभावी साबित नहीं हो रही है। राज्य में गिरती शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए  शालेय शिक्षा विभाग ने जून 2015 में प्रगत शैक्षणिक महाराष्ट्र अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें आधुनिक अध्यापन शैली पर जोर दिया गया था। इससे जुड़े दिशा-निर्देशों में शिक्षकों पर किसी भी प्रकार के अनावश्यक कागजात तैयार करने की अनिवार्यता नहीं करने को कहा गया था। उसमें यह भी उल्लेखित था कि शिक्षकों से इस तरह के प्लान न मांगे जाएं। इसके बावजूद कई स्कूलों ने शिक्षकों से ‘लेसन प्लान’ जमा करने की सख्ती की थी। शिक्षक संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे थे। आखिरकार उनकी मांगों को मानते हुए एमएससीईआरटी ने प्रदेश के सभी शिक्षाधिकारियों और स्कूलों को यह आदेश जारी किए हैं। 

डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए कंटेंट देंगे सीबीएसई स्कूलों के शिक्षक

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड (सीबीएसई) विद्यादान नामक नया उपक्रम लेकर आया है। इसके तहत देश भर के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक सीबीएसई के डिजिटल प्लेटफाॅर्म के लिए कंटेट देकर सहयोग करेंगे। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म देश भर के विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्कूली शिक्षाविदों के काम आएगा, जो कि नि:शुल्क उपलब्ध होगा। 

पढ़ाई के प्रति बढ़ेगा आकर्षण

देश के विविध क्षेत्रों में हो रही प्रगति को पाठ्यक्रम में शामिल करने के उद्देश्य से सभी स्कूलों और शिक्षकों की ओर से कंटेंट मंगाया जा रहा है। उनसे कंटेंट लेकर उसे एनसीईआरटी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ढालेगी, ताकि बड़े पैमाने पर विद्यार्थी इसका उपयोग कर सकें। सीबीएसई के इस उपक्रम में अब तक स्कूलों द्वारा प्राप्त कंटेंट को प्रोसेस करके उसे कक्षा 6 से 10वीं तक अंगरेजी, हिंदी, मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस विषयों के ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स तैयार किए गए हैं। सीबीएसई द्वारा स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए लगातार विविध उपक्रम चलाए जाते हैं। सीबीएसई के अनुसार विद्यार्थियों को सक्षम और उनका पढ़ाई के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए यह नया विद्यादान उपक्रम शुरू किया गया है। इसके अलावा बोर्ड विद्यार्थियों में रचनात्मकता और क्रिटिकल थींकिंग को बढ़ावा देने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहा है। विद्यादान भी इसी का एक हिस्सा है। 

Created On :   16 Sept 2019 1:44 PM IST

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