सरकारी स्कूलों में वहां के शिक्षक ही अपने बच्चों को पढ़ाने तैयार नहीं - कलेक्टर ने प्रश्न किया तो छा गया सन्नाटा

Teachers in government schools are not ready to educate their children in their schools
सरकारी स्कूलों में वहां के शिक्षक ही अपने बच्चों को पढ़ाने तैयार नहीं - कलेक्टर ने प्रश्न किया तो छा गया सन्नाटा
सरकारी स्कूलों में वहां के शिक्षक ही अपने बच्चों को पढ़ाने तैयार नहीं - कलेक्टर ने प्रश्न किया तो छा गया सन्नाटा

डिजिटल डेस्क, कटनी। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट में आयोजित हो रहे पांच दिवसीय दक्षता उन्नयन एवं शाला सिद्धि प्रशिक्षण में पहुंचकर कलेक्टर डॉ.पंकज जैन ने जब शिक्षकों से पूछा कि ऐसे कितने शिक्षक हैं जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ा सकते हैं? इस सवाल पर प्रशिक्षण में सन्नाटा खिंच गया। अधिकांश शिक्षक निरुत्तर हो गए और किसी ने हाथ नहीं उठाए। तब उन्होने कहा कि जब यह विश्वास आपके अंदर पैदा हो जाएगा, तभी आप शाला की सिद्धि के लिए सही मन से कार्य कर पायेंगे।

शाला सिद्धि के लिए समर्पण होना जरूरी है
कलेक्टर ने कहा कि यह शिक्षकों के अंदर विश्वास की कमी को दर्शा रहा है। जब शिक्षक ही अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने से कतरा रहे है तो समाज के दूसरे लोगों को विश्वास करना मुश्किल होगा। कलेक्टर से सभी चार कक्षों में प्रश्न पूछे, कक्ष क्रमांक 5 में समुचित उत्तर न मिलने पर उन्होने नाराजगी जताते हुए डीआरजी को सुधार के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री जैन ने शिक्षकों से कहा कि शाला सिद्धि के लिए समर्पण होना जरूरी है। जब हम अपने कार्य को ठीक ढंग से करते है तो समाज में भी हमारी स्वीकारिता बढ़ने के साथ सम्मान का भाव बढ़ता है और आत्म संतोष होता है। शिक्षकों को शाला की साफ सफाई बच्चों की सुरक्षा और उनकी खुशी पर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रशिक्षण में सभी शिक्षक पूरे मनोयोग के साथ जुटकर बताई जाने वाली बातों का स्कूलों में अमल करें। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी एस एन पाण्डे और प्राचार्य डाईट बी बी दुबे भी उपस्थित रहे। 

पूरी हुई खानापूर्ति 
जिले के तीन विकासखण्डों के चयनित विद्यालयों से प्रधानाचार्य और एक शिक्षक के मान से कुल 219 प्रतिभागियों को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने दक्षता उन्नयन के लिये 5 दिवसीय सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। माध्यमिक शालाओं के लिये शिक्षकों को 20 से 24 मई तक सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया गया। कलेक्टर ने शिक्षकों से शालाओं में उपलब्ध संसाधनों के अनुरुप ही ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल आयें तथा शिक्षण ग्रहण करें, के बारे में प्रश्न पूछकर आवश्यक जानकारी ली।
 

Created On :   25 May 2019 11:38 AM GMT

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