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तकनीकी शिक्षा कॉलेजों के शिक्षकों का दूसरे कॉलेज में हो सकेगा संविलियन
डिजिटल डेस्क,भोपाल। अब राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित पांच इंजीनियरिंग एवं 65 पॉलिटेक्नीक कॉलेजों के शिक्षकों का अन्य तकनीकी कॉलेज में प्रतिनियुक्ति या संविलियन हो सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने नया प्रावधान कर दिया है। अब तक यह प्रावधान नहीं था।
गौरतलब है कि वर्ष 2004 के पहले तक से तकनीकी कॉलेज सरकारी हुआ करते थे तथा इनमें पदस्थ शिक्षक भी सरकारी सेवक माने जाते थे,लेकिन उक्त तिथि के बाद इन सभी कॉलेजों को सहकारी सोसायटी कानून के तहत स्वशासी सोसायटी में बदल दिया गया जिससे इनमें वर्ष 2004 के बाद नियुक्त होने वाले शिक्षक सरकारी न माने जाकर उसी स्वशासी कॉलेज के एम्प्लाई माने जाने लगे। इससे उनके अन्य तकनीकी कॉलेज में प्रतिनियुक्ति पर जाने या संविलियन होने के प्रावधान भी खत्म हो गए, लेकिन वर्ष 2004 से पहले नियुक्त सभी शिक्षक सरकारी माने गये तथा उनकी इन तकनीकी कॉलेजों में पदस्थापना डेपुटेशन पर मानी गई।
अब राज्य सरकार ने नया प्रावधान कर दिया है कि गंभीर बीमारी अथवा ऐसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, किडनी फेल होना आदि अथवा दिव्यांगता अथवा विवाहित/तलाकशुदा/विधवा महिला की दशा में इन स्वशासी तकनीकी कॉलेजों के व्याख्याताओं का अन्य स्वशासी तकनीकी कॉलेज में प्रतिनियुक्ति हो सकेगी या उनका संविलियन हो सकेगा। इसके लिए आवेदक को दोनों कॉलेजों यानि जहां सेवारत है और जहां जाना चाहता है, से एनओसी लेना होगी। यदि व्याख्याता तबादले पर किसी स्वशासी कॉलेज में गया है तो वह भी वहां उक्त परिस्थितियों में आने पर संविलियन करा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 11 साल पुराने मप्र तकनीकी शिक्षा अभियांत्रिकी महाविद्यालय अध्यापन संवर्ग सेवा भर्ती नियम 2004 तथा मप्र तकनीकी शिक्षा पालीटेक्नीक महाविद्यालय अध्यापन संवर्ग सेवा भर्ती नियम 2004 में संशोधन कर दिया है।
मप्र तकनीकी शिक्षा उप सचिव सभाजीत यादव का कहना है कि स्वशासी तकनीकी कॉलेजों में यह समस्या थी कि विवाह आदि के कारण किसी अन्य कॉलेज में संविलियन नहीं हो सकता था। इसीलिए राज्य सरकार ने अब इसका प्रावधान कर दिया है।
Created On :   5 Dec 2017 12:11 PM IST