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स्मार्टफोन पर सिखा रहे हैं मुर्गी व बकरी पालन, 6 दिन से लेकर 1 महीने तक देते हैं ट्रेनिंग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्मार्टफोन पर पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ अब पशु पालन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। हालांकि इस पर सवाल भी उठ रहे हैं कि फोन पर प्रशिक्षण पाने वाले कितने कामयाब होंगे। फोन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण लेेने वालों ने अपना रोजगार भी शुरू किया है। जिला पशु संवर्धन उपायुक्त कार्यालय का दावा है कि स्मार्ट फोन पर करीब 986 युवाओं ने मुर्गी व बकरी पालन से लेकर दुग्ध व्यवसाय के गुर सीखे हैं। फुटाला परिसर स्थित कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 व वर्ष 2021-22 दो साल में 986 युवाओं ने ऑनलाइन प्रशिक्षण लिया है, जिसमें मुर्गी पालन, बकरी पालन, गौ पालन करने का प्रशिक्षण लेकर रोजगार प्राप्त किया है।
6 जिलों से आते हैं लोग
नागपुर शहर स्थित जिला पशु संवर्धन उपायुक्त कार्यालय अंतर्गत युवाओं को पशु पालन का प्रशिक्षण दिया जाता है। मुर्गी पालन के लिए एक महीना, बकरी व गौ पालन के लिए 6 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे यहां न केवल नागपुर बल्कि पूरे विभाग के 6 जिलों से लोग आकर प्रशिक्षण लेते हैं। यही कारण है कि हर साल प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या बढ़ रही थी। वर्ष 2019-20 की बात करें, तो मुर्गी पालन के लिए 532, बकरी पालन के लिए 430 और पशुसंवर्धन के लिए 209 कुल 1171 प्रशिक्षणार्थी आए थे। इसके बाद कोरोना संक्रमण बढ़ने और लॉकडाउन की वजह से प्रशिक्षण को थोड़ा शिथिल किया गया।
इन्होंने लिया प्रशिक्षण
लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद जिला पशु संवर्धन उपायुक्त डॉ. मंजूषा पुंडलिक के मार्गदर्शन व डॉ. वर्षा तलमले के नेतृत्व में ऑनलाइन प्रशिक्षण की सुविधा शुरू की गई है। युवा प्रशिक्षण का लाभ ले रहे हैं, लेकिन सामान्य दिनों की तुलना में कल लोग पहुंच रहे हैं। वर्ष 2020-21 में मुर्गी पालन का प्रशिक्षण 60, बकरी पालन 339 और पशुसंवर्धन व दुग्ध व्यवसाय प्रशिक्षण 60, कुल 459 लोगों ने प्रशिक्षण लिया है। वर्ष 2021-22 में भी मुर्गी पालन 206, बकरी पालन प्रशिक्षण 214 व पशुसंवर्धन प्रशिक्षण 107 ऐसे कुल 527 लोगों ने मोबाइल से प्रशिक्षण लिया है।
बढ़ाई जाएगी क्षमता
पशु संवर्धन विभाग अब तक पुरानी इमारत में शुरू थी, जिससे यहां आने वाले प्रशिक्षणार्थियों को 50 प्रतिशत ही जगह दी जाती थी। जगह नहीं होने से उन्हें अगली बारी का इंतजार करना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि नई इमारत बनने से प्रशिक्षणार्थियों की क्षमता बढ़नेवाली है।
Created On :   10 Feb 2022 3:25 PM IST