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केंद्र पंचायतों में ओबीसी के राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए आयोग के गठन की बताएं वास्तविक स्थिति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मामला लंबित होने के बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पंचायतों में ओबीसी के राजनीतिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) के लिए आयोग की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा कि क्या इससे संबंधित मुद्दे की जांच के लिए किसी आयोग का गठन किया गया है। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह दो सप्ताह में आयोग के गठन की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करें। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान याचिकाकर्ता मंगेश शंकर ससाने (पुणे) की ओर से पेश वकील ने अनुच्छेद 340 का हवाला देते हुए कहा कि यह डेसिग्नेटेड कमीशन का प्रावधान देता है। आज तक कोई आयोग गठित नहीं किया गया है।
सीजेआई ने जब जस्टिस रोहिणी आयोग के बारे में पूछताछ की तो याचिकाकर्ता ने कहा, जहां तक राजनीतिक प्रतिनिधित्व का संबंध है, कोई आयोग नहीं है। 2017 में मंडल आयोग के बाद अलग उद्देश्य के लिए जस्टिस रोहिणी आयोग बना था। यह राजनीतिक प्रतिनिधित्व के इस उद्देश्य के लिए अनुभवजन्य डेटा को कवर नहीं करता। इसके बाद सीजेआई ने केंद्र के वकील को दो सप्ताह में आयोग के गठन की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। इससे पहले मामले पर 11 अप्रैल 2022 को सुनवाई हुई थी।
Created On :   2 Dec 2022 9:56 PM IST