लॉकडाउन से बढ़ रहा लोगो में तनाव, सोशल मीडिया में भ्रामक मैसेजेस भी है कारण

Tension rising in people due to lockdown
लॉकडाउन से बढ़ रहा लोगो में तनाव, सोशल मीडिया में भ्रामक मैसेजेस भी है कारण
लॉकडाउन से बढ़ रहा लोगो में तनाव, सोशल मीडिया में भ्रामक मैसेजेस भी है कारण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महिलाओं को घर के कामों का तनाव,तो पुरूषो को घर की जिम्मेदारी का तनाव,बच्चों को बाहर ना जाने से तनाव तो बुजुर्गो को कोरोना की खबरो का तनाव,यंगस्टर्स को जॉब तो किसी को परिवार से दूर अकेले रहने से तनाव हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगो में भारतीयों की संख्या बहुत ज्यादा है। भारतीय आबादी के करीब 2 प्रतिशत लोग गंभीर मानसिक बीमारियों के शिकार है। लॉकडाऊन के कारण मनोरोग के मामले 20 प्रतिशत हो गए है। जहां आमतौर पर 40 में से 2 व्यक्ति तनाव से ग्रस्त थे,वहीं अब 10 में से हर दूसरा व्यक्ति में तनाव बढ़ रहा है। मनोचिकित्सक डॉ अविनाश जोशी ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग और अकेलेपन के कारण हार्मोन का नियंत्रण बिगड़ रहा है। जिससे दिमाग में सेरोटोनिन  का स्तर घट रहा है। एड्रेनिकल और कार्सिकोल का सीक्रेशन बढ़ने से लोग तनावग्रस्त हा रहे है। कोरोना के कारण बहुत सारे तनाव में है। शहर में कई पैरेन्ट्स ऐसे है जिनके बच्चे बाहर है,ऐसे में पैरेन्ट्स भी चिंता में है।

आज न्यूज पढ़कर बहुत डर गए

देव नगर  निवासी शीतल ताम्हनकर ने बताया कि हमारा बेटा ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में है। लॉकडाऊन होने से  वापस नहीं आ पाया। हवाई सेवा रद्द होने के कारण वो नहीं आ पाया।  कंपनी  ने वर्क फ्रॉम होम दिया है। आज जब पेपर में शहर के बच्चे की घटना पढ़ी,तो बहुत डर गए। बेटे से बोला कि वो किसी भी प्रकार का तनाव ना लें। अगर कोई परेशानी होती है,तो तुरंत हमसे संपर्क करें। ज्यादा से समय वीडियो कॉल पर बात करें। कोरोना ने पूरे दुनिया को डरा दिया है। विदेश में रह रहे बच्चों की चिंता हो रही है। हमें तो लॉकडाऊन खत्म होने का इंतजार है,ताकि बच्चे से मिल सकें।

पुणे में है बेटी

विवेकानंद नगर निवासी अर्पिता कनेर ने बताया कि हमारी बेटी पिछले 2 वर्ष से पुणे में मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब कर रही है। पूरे समय बेटी की चिंता सताती रहती है। वो और उसकी फ्रेंड फ्लैट में रहते है। अब तो टिफिन भी नहीं आ रहा है। इंडक्शन होने से थोड़ा बहुत खाने का मैनेज कर रहे है। लेकिन ऑफिस के काम के बीच में भी उससे वीडियो कॉल में बात करते है। दिन भर फोन पर ही बात होती है। हम उसे समझाते है,कि डरने नहीं है। बस घर में रहो और सुरक्षित रहो। पुणे में कोरोना केसेस भी ज्यादा है। इसलिए पूरे समय बेटी की चिंता रहती है। ऐसे समय में लगता है कि बच्चे पास में हो तो अच्छा होता।

चारो ओर है डर का माहौल

डॉ जोशी ने बताया कि इन दिनों चारो ओर डर का माहौल है। सोशल मीडिया में कई भ्रामक चीजें देखकर वे लोगो के दिमाग में बैठ जाती है। जिससे उन्हें हाइपरटेंशन,ब्लड शुगर का लेवल बढ़ना,पेट खराब,नजर कमजोर होना,भूख लगाना,रोने का मन करना,आत्महत्या करने का विचार आना आदि विचार भी आ रहे है। लेकिन इन परिस्थितयों से सभी को निकलना है। अपने उपर तनाव को हावी नहीं होने देना है। तनाव के कारण सभी आपा खो रहे है। जो कि स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। डॉ जोशी ने बताया कि तनाव को दूर करने के लिए समय का सुदपयोग करें। बार-बार अपने  परिजनों से बात करें। योग,ध्यान भी इसके लिए काफी कारगर साबित है। तनाव दूर करने के लिए संगीत भी अच्छा माध्यम है। नियमित रूप से प्राणायाम करें। साथ ही सात्विक भोजन करें। सबसे बड़ी बात यह है कि सकारात्मक विचार रखें। हर रोज कुछ नया करने के बारे में विचार करें। डेली का टाइम टेबल बनाए,उसी टाइम टेबल के अनुसार काम करें।

 

 

Created On :   15 April 2020 3:40 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story