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सर्राफा बाजार में लौटी रौनक, दीपों से जगमगाये घर आंगन
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। भारतीय संस्कृति में दीपावली त्यौहार को सुख, समृद्धि, यश और वैभव का प्रतीक माना जाता है। पांच दिवसीय दीपावली महापर्व का शुभारंभ मंगलवार, 2 नवंबर को धनतेरस के साथ हुआ। धनतेरस के दिन धातु खरीदने का विशेष महत्व रहने से सुबह से सर्राफा बाजार, बर्तन बाजार में ग्राहकों की भारी भीड़ रहीं। इसी तरह धनतेरस के दिन व्यापारियों द्वारा लेखा पुस्तिका की खरीदी कर उसका विधिवत पूजन किया जाता है। जिसके चलते गोंदिया शहर सहित जिलेभर के सराफा बाजार, बर्तन बाजार, मिठाई, कपड़े, पटाखे सहित अन्य दुकानों में दिनभर ग्राहकों की चहल-पहल रही। इससे व्यापारी वर्ग में उत्साह देखा गया।
वहीं दूसरी ओर अनेक स्थानों पर ग्राहकों की भीड़ के चलते कोरोना नियमों का किसी तरह पालन होता हुआ दिखाई नहीं दिया है, जिससे कोरोना का खतरा बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले डेढ़ सालों से बाजारों में सन्नाटा छाया रहा, लेकिन अब कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आने से दीपावली त्योहार को लेकर नागरिकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। दीपावली के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी दीपावली महापर्व का यह दूसरा दिन होता है। जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। ३ नवंबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। उसी तरह 4 नवंबर को दीपावली दीपों से जुड़ा महापर्व दीपावली का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी, श्रीगणेश, धन के देवता कुबेर के साथ महाकाली की पूजा का विधान है।
खूब बिके बही खाते
देवेंद्रसिंह वीरेंद्रसिंह ठाकुर, स्टेशनरी व्यवसायी के मुताबिक उद्योजकों एवं व्यापारियों द्वारा वर्षभर का हिसाब रखने के लिए लगनेवाले सामान में पोनिया 90 से 150 रुपए, रोजमेल 450 से 900 रुपए तक, रजिस्टर 40 से 250 रुपए तक, बहिखाता रखने के लिए कपड़े का बसना 110 से 135 रुपए, ितथि कैलेंडर 30 से 90 रुपए, डायरी 10 से 250 रुपए तक एवं फाईल 15 से 150 रुपए तक बिक्री हुआ।
"मिशन आधार'से जगमगाए निराधारों के घरों में खुशियों के दीप
एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प अधिकारी विकास राचेलवार की संकल्पना से मिशन आधार इस उपक्रम के माध्यम से जरूरतमंद व निराधारों को आवश्यक सामग्री व नगद राशि देकर उनके घरों में खुशी के दीप जलाकर निराधारों को आधार देने का उपक्रम शुरू किया गया है। इस उपक्रम के तहत जिले के जरूरतमंदो को कपडे, मिठाईयां, अनाज, नगद राशि तथा जीवनावश्यक वस्तूओं का वितरण किया जा रहा है। कोरोना काल में अनेक परिवार निराधार हो गये है। वहीं जिले में ऐसे आदिवासी परिवार है। जिन्हें जीने के लिए आधार नहीं मिल रहा है। यहां तक की वृध्द विधवा महिलायें व छोटे निराधार बालकों का भविष्य असुरक्षित होते हुये दिखाई दे रहा है। ऐसे जरूरतमंद व निराधारों को आधार की जरूरत है। जिसे देखते हुए एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प अधिकारी विकास राचेलवार की संकल्पना से मिशन आधार सोशल मीडिया तयार किया गया है। इस मिशन आधार के तहत जिले के जरूरतमंद, निराधार आदिवासियों को जीवनावश्यक वस्तूओं का वितरण कर उन्हें आधार देने का उपक्रम गत दिनों से शुरू कर दिया गया है। इस मिशन में आदिवासी विकास प्रकल्प के अधिकारी, कर्मचारी, अनुदानित, बिना अनुदानित आदिवासी आश्रम स्कूल तथा जिले के समाजसेवी सामिल हुये है। इन दानदाताओं व्दारा चंदा जमा कर जरूरतमंदो के घर जाकर कपडे, मिठाईयां, अनाज, दवाईयां, नगद राशि सहित जीवनावश्यक वस्तूएं भेट स्वरूप दी जा रही है। दिपावली उत्सव में निराधारों के घरों में खुशियों के दिप जले इसके लिए मिशन आधार से जुडे समाजसेवियों व्दारा स्वयंस्फूर्ति से उनकी जरूरतों के हिसाब से मदद कर रहे है। अब तक जिले के सैकड़ों निराधारों को आधार देकर उनके चेहरों खुशियां लौटायी गई है।
बर्तन की दुकानों में रही भीड़
शहर के बर्तन दुकान व्यवसायी नरेश एवं राजकुमार तिवारी ने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बर्तन बाजार में ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है। सुबह 10 बजे से ही दुकान में भीड़ लगी हुई है। ग्राहक अपनी जरुरत के अनुसार बर्तन की खरीदी कर रहे हैं।
सादगी के साथ मनाएं दिवाली : जिलाधिकारी
कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो गई है। लेकिन अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार है। ऐसे में नागरिकों ने स्वास्थ्य की दृष्टि से सावधानी बरतते हुए दीपावली त्यौहार पर सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ न करते हुए अपने-अपने घरों में सादगी के साथ त्योहार मनाने का की अपील जिलाधिकारी नयना गुंडे ने की है। इस संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार ब्रेक द चेन के अंतर्गत जारी की गई मार्गदर्शक सूचनाओं का कड़ाई से पालन करने की कहा गया है। कपड़े, फटाखे, गहने एवंं अन्य वस्तुए खरीदी करने के लिए दुकानों एवं सड़कों पर भीड़ से बचने की सूचना भी दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों एवं बच्चों से घर के बाहर निकलने से बचने साथ ही कोरोना संक्रमित नागरिकों को फटाखों के धुएं से परेशानी न हो इसलिए वायु तथा ध्वनि प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से बचाने के लिए इस वर्ष पटाखे फोड़ने को टालने एवं दीपक की रोशनी में त्यौहार मनाने को कहा गया है। कोरोना नियमों में शिथिलता दिए जाने के बावजूद नागरिकों के एक साथ एकत्रित होने पर प्रतिबंध कायम रखा है। जिसके कारण सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान मार्गदर्शक सूचनाओं में दिए गए नियमों का पालन करने का भी आह्वान किया गया है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बजाए स्वास्थ्य विषयक कार्यक्रम आयोजित करने के आदेश भी जिलाधिकारी ने दिए है।
Created On :   3 Nov 2021 6:55 PM IST