दिल्ली जैसी हो रही शहर की आबोहवा, कई दिन से 300 के ऊपर एक्यूआई

The climate of the city is becoming like Delhi, AQI above 300 for many days
दिल्ली जैसी हो रही शहर की आबोहवा, कई दिन से 300 के ऊपर एक्यूआई
दिल्ली जैसी हो रही शहर की आबोहवा, कई दिन से 300 के ऊपर एक्यूआई

पीएम 10 सामान्य से तीन गुना व पीएम 2.5 ढाई गुना रहा अधिक, वातावरण में मौजूद गैसों ने भी सामान्य स्तर को किया पार
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर प्रदूषण का हाल  दिल्ली जैसा हो रहा है। 29 दिसम्बर से लेकर रविवार 3 जनवरी तक लगातार छठवें दिन शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई ) 3 सौ के ऊपर मौजूद रहा। इस कैटेगरी में वायु की गुणवत्ता अत्यंत खराब स्तर की मानी जाती है। एक नए अंतर्राष्ट्रीय शोध के मुताबिक दूषित वायु से शरीर को सिर से लेकर पैरों तक हानि पहुँचती है। यह दिल व फेफड़ों की बीमारियों, डायबिटीज, डिमेंशिया, यकृत की समस्याओं एवं मूत्राशय के कैंसर, हड्डियों के शिथिल पडऩे और त्वचा को पहुँचने वाली हानि के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इनके अलावा प्रजनन क्षमता, भ्रूण और बच्चे भी विषाक्त हवा से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे हालात में साँस लेने से खाँसी, अस्थमा और ब्रोकाइटिस की समस्या पैदा होती है। उल्लखेनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा , 51 और 100 के बीच एक्यूआई संतोषजनक, 101 और 200 के बीच एक्यूआई सामान्य ; 201 और 300 के बीच एक्यूआई च्खराब , 301 और 400 के बीच एक्यूआई बेहद खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर  की श्रेणी में आता है। 
प्रदूषण के मानकों में ढाई से तीन गुना तक का हुआ इजाफा 
- पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) व पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 एमजीसीएम होता है परंतु इन दिनों शहर का पीएम 10 तीन गुने से अधिक 304.37 एमजीसीएम व पीएम-2.5 का स्तर ढाई गुने से अधिक 170.29 एमजीसीएम रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा अमोनिया  गैस 31.01 एमजीसीएम, सल्फर डाई ऑक्साइड 17.37 एमजीसीएम, कार्बन मोनो ऑक्साइड 1.60 मिली ग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक पीएम 10, पीएम 2.5 व गैसें अल्ट्राफाइन पार्टिकल्स् के रूप में फेफड़ों से गुजर कर आसानी से शरीर की कोशिकाओं में घुस जाती हैं। इसके बाद रक्त प्रवाह के माध्यम से वे शरीर के सभी अंगों की कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायु प्रदूषण एक पब्लिक हैल्थ इमरजेंसीज यानी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है। क्योंकि दुनिया की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी जहरीली हवा में साँस ले रही है। 
 

Created On :   4 Jan 2021 2:43 PM IST

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